
भारत के रक्षामंत्री, सेना प्रमुख और वायुसेना प्रमुख ने हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पाकिस्तान को लेकर कुछ ज़ोरदार बयान दिए। लेकिन पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने इसे सीधा “भारतीय नेतृत्व की निराशा” बता दिया।
जी हां! Geo News से बात करते हुए उन्होंने कहा, “ये सब बयानों की तोपें असल में अंदरूनी राजनीति के गोलों से भरी हैं!”
Translation for dramatic effect: “Yeh missiles नहीं, माइक्रोफोन थे, जो मोदी सरकार के अंदरूनी प्रेशर से फायर हुए हैं!”
पाकिस्तान-सऊदी रक्षा पैक्ट ने मचाया हड़कंप?
अब असली बम फूटा पाकिस्तान और सऊदी अरब के हालिया डिफेंस अग्रीमेंट से, जिसमें लिखा है – “अगर एक देश पर हमला होता है, तो वो दूसरे पर भी माना जाएगा!”
मतलब अब अगर कोई पाकिस्तान को आंख दिखाएगा, तो सऊदी भी चश्मा उतार सकता है।
इसी को लेकर भारत से उठे ‘सिंदूर’ वाले बयान पर ख़्वाजा आसिफ़ बोले:
“भारत का झल्लाना समझ आता है, क्योंकि उनके पड़ोस में अब ‘भाईजान’ भी हैं।”
अंदरूनी राजनीति की किचकिच या बॉर्डर पर ललकार?
ख्वाजा आसिफ़ का कहना है कि ये सब भारत की घरेलू राजनीति का खेल है। चुनाव पास हैं, ग़ुस्सा ज़्यादा है, मुद्दे कम हैं – और जब मुद्दे नहीं मिलते, तो ‘सिंदूर’ की कसम खा ली जाती है।
“Prestige की चिंता है, performance की नहीं।”
‘सिंदूर’ से शुरू, युद्ध तक जाए बिना निपट जाए तो अच्छा!
भाई, जिस तरह ‘सिंदूर’ अब सिर्फ शादी का नहीं, बल्कि सैन्य ऑपरेशन का नाम बन गया है, ये साफ है कि जियोपॉलिटिक्स अब टीवी सीरियल की स्क्रिप्ट में बदल चुकी है।
कल को अगर पाकिस्तान ‘ऑपरेशन हल्दी’ शुरू कर दे, तो हैरान मत होइए!
दिल में भी ‘बारूद’, बयान में भी ‘ड्रामा’!
भारत और पाकिस्तान के बीच बयानबाज़ी अब इतने हाई वोल्टेज पर पहुंच चुकी है कि सीमा पर नहीं, माइक्स पर धमाके हो रहे हैं। जहाँ भारत के लिए ये इमेज बिल्डिंग का वक्त है, वहीं पाकिस्तान सऊदी की दोस्ती का फायदा उठाने में लगा है। दोनों ही देशों के रक्षा मंत्रियों के बयान दरअसल एक बड़ी शतरंज का हिस्सा हैं, जिसमें मोहरा है ‘नैरेटिव’, और राजा है ‘पब्लिक परसेप्शन’।
“डिप्टी CM की कुर्सी मेरा हक है!” – मुकेश सहनी का बड़बोलापन?