
दिल्ली में हुए बड़े आतंकी हमले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, वैसे-वैसे तस्वीर साफ होती गई कि मामला सिर्फ एक “कार ब्लास्ट” तक सीमित नहीं है। अब श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन धमाके ने संदेह को पूरी तरह पक्का कर दिया — कनेक्शन सीधा जैश-ए-मोहम्मद और उसके शैडो ग्रुप PAFF तक जाता है।
दिल्ली हमले में 13 मौतें, और चार दिन बाद श्रीनगर ब्लास्ट में 9 लोगों की जान — पैटर्न एक जैसा, स्टाइल वही पुराना, और मास्टरमाइंड वही टेरर कार्पोरेट हाउस।
PAFF: नाम ‘फासीवाद विरोधी’, काम—100% आतंकवादी!
PAFF यानी People’s Anti Fascist Front—नाम सुनकर लगता है कोई राजनीतिक NGO होगा… पर असल में यह जैश का फुल-टाइम टेरर फ्रेंचाइज़ी यूनिट है।
भारत सरकार ने इस ग्रुप को 7 जनवरी 2023 को UAPA के तहत प्रतिबंधित किया था।
काम?
बॉडी कैमरा लगाकर दहशत फैलाना सोशल मीडिया पर कट्टरपंथी कंटेंट चलाना हथियारों की तस्करी युवाओं को ब्रेनवॉश करना और जैश के प्लान को ground-level पर execute करना।
मतलब—मार्केटिंग, प्रोडक्शन और डिस्ट्रीब्यूशन… पूरा टेरर पैकेज!

Delhi Blast से Srinagar Blast तक—एक ही टेरर नेटवर्क की छाया
दिल्ली हमले में NIA पहले ही जैश लिंक का पता लगा चुकी है। अब श्रीनगर ब्लास्ट में PAFF ने खुद जिम्मेदारी ली है—एकदम पब्लिक रिलेशन डिपार्टमेंट वाला अंदाज़। हमलावरों ने उस पुलिस स्टेशन को निशाना बनाया जहां360 किलो अमोनियम नाइट्रेट पिछले केस में जब्त किया गया था। IED की एक चिंगारी ने पूरा स्टॉक उड़ा दिया—और धमाका कई सौ मीटर तक महसूस हुआ।
लश्कर और TRF: बैकग्राउंड सपोर्ट टीम
जांच एजेंसियों ने साफ किया है कि PAFF अकेला नहीं है। इसका कनेक्शन ISI Lashkar-e-Taiba (LeT) The Resistance Front (TRF) से भी है।
2019 के बाद 370 हटते ही PAFF को South Kashmir में एक्टिवेट किया गया। 2023 में पुंछ अटैक, भट्टा धुरियां हमला, और अब नौगाम ब्लास्ट—इस नेटवर्क की सिग्नेचर स्टाइल दिखाई देती है।
अंत में—भारत का संदेश साफ: “कनेक्शन कितना भी गहरा हो… जवाब मिलेगा!”
सुरक्षा एजेंसियां अब दिल्ली और श्रीनगर धमाकों को एक ही टेरर चेन के हिस्से के रूप में देख रही हैं। UAPA, NIA और J&K पुलिस की संयुक्त जांच से साफ है कि पाकिस्तान-आधारित ये ग्रुप कश्मीर में हिंसा रीबूट करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन भारत पहले जैसा नहीं रहा—जवाब भी तेज, और ट्रैकिंग भी सटीक।
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