
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UP Board) ने शिक्षा की गुणवत्ता और अनुशासन में सुधार के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। सत्र 2025-26 से छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज करना अनिवार्य कर दिया गया है। इस नई व्यवस्था के तहत अब सभी सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में हाजिरी डिजिटल माध्यम से दर्ज की जाएगी।
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पारदर्शिता और अनुशासन होगी पक्की
बोर्ड के अनुसार, हाजिरी प्रणाली में पारदर्शिता लाने और मनमानी रोकने के उद्देश्य से एक विशेष सॉफ्टवेयर विकसित किया जा रहा है, जो न केवल उपस्थिति रिकॉर्ड करेगा, बल्कि रियल-टाइम मॉनिटरिंग की सुविधा भी देगा। इस सॉफ्टवेयर की मदद से शिक्षा विभाग यह जान सकेगा कि कौन सा शिक्षक और छात्र नियमित रूप से स्कूल आ रहा है।
शिक्षक भी अब निगरानी में
जहां एक ओर छात्र अपनी उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज करेंगे, वहीं शिक्षकों को भी प्रत्येक दिन लॉगइन कर उपस्थिति सत्यापित करनी होगी। इससे समय की पाबंदी और कार्य अनुशासन सुनिश्चित किया जा सकेगा।
क्यों जरूरी है यह बदलाव?
पिछले वर्षों में छात्र-छात्राओं की अनियमित हाजिरी और शिक्षकों की गैर-जिम्मेदार उपस्थिति को लेकर विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसके जवाब में इस डिजिटल प्रणाली को लागू करने का निर्णय लिया गया है ताकि शिक्षा का माहौल गंभीर और जवाबदेह बन सके।
कैसे काम करेगा यह सॉफ्टवेयर?
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मोबाइल और कंप्यूटर दोनों माध्यमों से हाजिरी की सुविधा
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जीपीएस और टाइमस्टैम्प आधारित उपस्थिति रिकॉर्डिंग
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प्रधानाचार्य और शिक्षा विभाग को रियल-टाइम रिपोर्टिंग
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कम उपस्थिति पर स्वचालित चेतावनी अलर्ट
कब से लागू होगी नई व्यवस्था?
बोर्ड ने यह स्पष्ट किया है कि नई हाजिरी प्रणाली सत्र 2025-26 से पूर्ण रूप से प्रभावी होगी। इससे पहले सभी स्कूलों को सिस्टम का प्रशिक्षण और सॉफ्टवेयर की टेस्टिंग कराई जाएगी।
UP बोर्ड की यह पहल न केवल डिजिटल इंडिया अभियान के अनुरूप है बल्कि शिक्षा को जवाबदेह और आधुनिक बनाने की दिशा में भी एक ठोस कदम है। यह प्रणाली शिक्षा व्यवस्था में अनुशासन, पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाएगी।
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