
नीतीश बाबू चुनावी मोड में आ गइनी। अबकी बेर झाड़ू वाला समाज के दिल में भी सीधा एंट्री मार दिहनी। बिहार में सफाई कर्मचारियन के अधिकार, कल्याण अउरी इज्जत खातिर नया आयोग बने जा रहल बा—बिहार राज्य सफाई कर्मचारी आयोग।
ई आयोग में 1 अध्यक्ष, 1 उपाध्यक्ष आ 5 सदस्य होई, जेकरा में एक महिला भा ट्रांसजेंडर होई। मतलब अब सफाई करे वाला लोगन के भी VIP ट्रीटमेंट मिल सकेला!
एक्स पर पोस्ट करके खुद बतवले नीतीश जी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद X (पहिले वाला ट्विटर) पर लिखलें:
“मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि सफाई कर्मचारियों के कल्याण एवं अधिकारों की सुरक्षा हेतु आयोग गठित करने का निर्णय लिया गया है।…”
अब त सब समझ गइनी — चुनाव 2025 के पहिले सब वर्गन के पोलिटिकल झाड़ू लगावल जरूरी बा!
का-करे वाला होई ई आयोग?
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सफाई कर्मियन के शिकायत सुनी।
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कल्याणकारी योजना लागू करवाई।
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सरकार के सुझाव दी कि का नया स्कीम फेंकल जाए।
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समाज के हाशिये पर रहे वाला लोगन के मुख्यधारा में जोड़ल जाई।

महिला आ ट्रांसजेंडर के भी जगह
नीतीश बाबू का आयोग में इन्क्लूजन के झंडा ऊँच कर दिहल गइल बा।
एक सदस्य महिला भा ट्रांसजेंडर होई — मतलब, गली साफ होखे ना होखे, सोच साफ हो रहल बा।
पहिले भी ऐसन कई गो चुनावी गिफ्ट दे चुकल बानी
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पत्रकारन के पेंशन बढ़वले।
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घरेलू बिजली 125 यूनिट फ्री।
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महिला आरक्षण वाला ऐलान।
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युवा खेल आयोग के गठन।
नीतीश जी के देख के लागता कि ईमानदारी से काम त कर रहल बाड़न, बाकिर टाइमिंग देख के जनता पूछतिया — ‘चुनाव कब हऽ बाबू?’
झाड़ू, आयोग, और राजनीति — सब सेट बा!
अबकी बेर नीतीश कुमार झाड़ू से साफ राजनीति के कोशिश में बाड़न। आयोग के ऐलान से ई जरूर लागता कि ऊ हर वर्ग के साधे के मिशन पर निकल पड़ले बाड़न। अब देखे के बा कि जनता के दिल में सफाई होला कि सियासी धूलि उड़े ला!
