
निमिषा प्रिया, केरल के पलक्कड़ की रहने वाली एक भारतीय नर्स हैं जो 2008 में नौकरी के लिए यमन गईं थीं। वहां सना शहर में सरकारी अस्पताल में काम करने के बाद उन्होंने 2014 में निजी क्लिनिक शुरू किया।
2017 में उन पर यमन के बिजनेसमैन तलाल अब्दो महदी की हत्या का आरोप लगा। निमिषा का कहना था कि तलाल ने न सिर्फ उनका पासपोर्ट जब्त किया, बल्कि शारीरिक और मानसिक शोषण भी किया। पासपोर्ट वापस लेने के लिए उन्होंने तलाल को केटामाइन का इंजेक्शन देकर बेहोश करने की कोशिश की, लेकिन ओवरडोज के चलते उसकी मौत हो गई।
कब और कैसे हुई सजा रद्द?
साल 2020 में यमन की अदालत ने निमिषा को मौत की सजा सुनाई, जिसे 2023 में सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने बरकरार रखा। 16 जुलाई 2025 को फांसी दी जानी थी, लेकिन आखिरी वक्त में सजा टाल दी गई।
अब भारतीय ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम ए.पी. अबूबकर मुसलियार के ऑफिस से यह खबर आई है कि यमन की राजधानी सना में हुई एक हाई-लेवल मीटिंग में निमिषा की मौत की सजा पूरी तरह रद्द करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, यमन सरकार और भारतीय विदेश मंत्रालय से इसकी आधिकारिक लिखित पुष्टि अब तक नहीं हुई है।
क्या है ब्लड मनी और किसास कानून?
ब्लड मनी (दियात): इस्लामी कानून में, यदि पीड़ित परिवार चाहे तो हत्यारे को माफ कर सकता है – एक निर्धारित धनराशि लेकर।
किसास (प्रतिशोध): यदि परिवार न्याय की मांग करे तो उसे ‘जान के बदले जान’ की सजा मिल सकती है।
निमिषा की मां ने तलाल के परिवार को ₹8.5 करोड़ की ब्लड मनी ऑफर की, लेकिन उन्होंने किसास की मांग करते हुए माफी से इनकार कर दिया था।

अंतरराष्ट्रीय प्रयास और दबाव
भारत सरकार, यमन प्रशासन और सऊदी अरब व ईरान जैसे मित्र देशों ने संयुक्त रूप से हस्तक्षेप किया।
‘Save Nimisha Priya International Action Council’ ने 58,000 डॉलर फंड इकट्ठा किया ताकि ब्लड मनी दी जा सके।
ग्रैंड मुफ्ती के कार्यालय का अपडेट
ग्रैंड मुफ्ती के ऑफिस ने स्पष्ट किया कि यह फैसला सना में एक उच्च-स्तरीय मीटिंग में लिया गया है और निमिषा की सजा अब पूरी तरह रद्द कर दी गई है। हालांकि, यह भी जोड़ा गया है कि यमन सरकार की ओर से अब तक लिखित पुष्टि नहीं मिली है।
पहली बार सामने आई बेटी, न्याय की गुहार
हाल ही में पहली बार मीडिया के सामने आई निमिषा की 13 साल की बेटी ने भी अपनी मां की फांसी रोकने की भावुक अपील की थी, जिसने जन समर्थन को और मजबूत किया।
निमिषा प्रिया के लिए यह एक राहत की घड़ी है, लेकिन अंतिम पुष्टि का इंतज़ार अब भी जारी है। यदि यमन सरकार लिखित रूप से सजा रद्द करती है, तो निमिषा की रिहाई की राह पूरी तरह साफ हो जाएगी।
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