
जब रूस के ड्रोन बार-बार पोलैंड की हवाई सीमा में घुसपैठ करने लगे, तो NATO ने सोचा – “अब बहुत हुआ, अब action mode on!” और उसी का नतीजा है Eastern Sentry मिशन, जिसमें ब्रिटेन के RAF टाइफून फाइटर जेट्स शुक्रवार रात पोलैंड के आसमान में मंडराने लगे।
NATO अब साफ़ कर चुका है – Eastern Europe कोई टेस्टिंग ग्राउंड नहीं, और हर ड्रोन की ‘एंट्री’ पर ‘एग्जिट प्लान’ तैयार है।
RAF Typhoon की Entry: ड्रोन घुसपैठ का जवाब जेट से
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि Royal Air Force (RAF) के Typhoon जेट्स पोलैंड में तैनात कर दिए गए हैं। मिशन का उद्देश्य है – पूर्वी सीमा को रूस की “घुसपैठ नीति” से एयरटाइट बनाना।
ड्रोन को दिखा Warning, और जेट को दिखा Runway.
Russia Says: “हमने क्या किया?”, NATO Says: “सब कुछ!”
रूस ने हमेशा की तरह कहा – “ड्रोन? कौन से ड्रोन?” जबकि NATO का डेटा और रडार बता रहे हैं – 19 ड्रोन सिर्फ पोलैंड की सीमा में घुसे। रोमानिया में भी आसमान में “अतिथि” देखा गया। एस्टोनिया की एयरस्पेस में भी रूस के फाइटर जेट्स ने चक्कर लगाया।
अब रूस कह रहा है, “हम नहीं आए थे”, और NATO कह रहा है, “हमने CCTV लगाया है भाई!”
Eastern Sentry: नाम जितना कूल, मकसद उतना सीरियस
10 सितंबर को लॉन्च हुआ मिशन “Eastern Sentry”, यानी वो चौकीदार जो सिर्फ दरवाज़े पर नहीं, सीधे आसमान पर बैठा है।
इसका मकसद- रूस की एयरस्पेस टेस्टिंग को रोकना। NATO की एयर डिफेंस यूनिटी दिखाना। और पोलैंड जैसे देशों को बताना: “हम आपके साथ हैं (बिलकुल literal sense में – ऊपर उड़ते हुए!)”

भू-राजनीतिक Satire Mode: “ड्रोन बनाम डेमोक्रेसी!”
पिछले कुछ हफ्तों में रूस ने ऐसा व्यवहार किया है जैसे वो Google Maps पर गलती से Wrong Turn ले रहा हो।
हर बार – “हम गलती से घुसे”, “वो ड्रोन हमारा नहीं था”, “हम तो केवल बादलों के पीछे कुछ ढूंढ रहे थे।” लेकिन NATO अब Weather Report की जगह Combat Report पर फोकस कर रहा है।
अब क्या होगा?
NATO देशों की एयर डिफेंस एक्सरसाइज़ तेज़ होंगी, पोलैंड, रोमानिया और बाल्टिक देश अब ड्रोन-प्रूफ बनने की ओर। रूस के लिए हर उड़ान अब एक डिक्लेरेशन की तरह होगी।
अगली बार अगर रूस का ड्रोन फिर से आया, तो उसे Typhoon से “गार्ड ऑफ ऑनर” मिल सकता है – और शायद return ticket भी।
NATO ने कहा – “No Fly Zone? Try Me!”
NATO का संदेश साफ है – रूस अगर अपनी हवाई सीमाओं को “Flexible” मानता है, तो NATO उसे Steel Wall दिखाने को तैयार है।
इस बार टाइफून आए हैं…अगली बार… शायद F-35?
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