
कभी-कभी पाकिस्तान ऐसा व्यवहार करता है जैसे UN नहीं, Netflix की स्क्रिप्ट पढ़ रहा हो – हर हफ्ते नई धमकी, पुरानी कहानी। और अब पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने एक बार फिर भारत को “गले की नस” वाला बयान देकर अंतरराष्ट्रीय हंसी कमाई है।
अबकी बार वोटिंग में ना हेराफेरी, ना हसीना जी!
कश्मीर: पाकिस्तान के लिए ‘गले की नस’ या ‘फटी हुई शर्ट’?
जनरल मुनीर ने कहा, “कश्मीर हमारी नस है।” लेकिन जनरल साहब भूल गए कि भारत अब मसाज नहीं, सर्जरी में यकीन रखता है। उन्होंने भारत को चेताया कि अगर हमला हुआ, तो “मुंहतोड़ जवाब मिलेगा” – मानो 26/11 के बाद भारत बैठा हाथ पर हाथ धर कर!
आतंकवाद की फैक्ट्री: और फिर से चालू हालत में!
कश्मीर पर “शांतिपूर्ण हल” की बात करते हुए जनरल साहब ने ये नहीं बताया कि पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने पहलगाम में 26 निर्दोष टूरिस्ट्स को मार डाला। भारत ने इस हमले का जवाब “ऑपरेशन सिंदूर” के रूप में दिया और पाकिस्तान के आतंकी अड्डों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी।
सिंधु जल संधि पर बौखलाया पाकिस्तान
भारत ने सिंधु जल पर भी ब्रेक लगा दिया। पाकिस्तान अब सिर्फ बाढ़ के मौसम में भारत की “वॉटर पालिसी” याद करता है। बाकी समय उनके नेता सिर्फ भाषण और धमकी से भूख मिटाते हैं।
“शांति के दूत” पाकिस्तान की एक और परछाईं
मुनीर ने कहा पाकिस्तान शांति चाहता है – जैसे सांप कहे कि वो दूध पीना चाहता है, डसना नहीं। दुनिया जान चुकी है कि पाकिस्तान शांति के नाम पर सिर्फ “घुसपैठ” और “ग्लोबल फंड” चाहता है।
भारत की कार्रवाई, पाकिस्तान की सफाई
भारत ने साफ कह दिया है – अब “संयम” का नहीं, “सर्जरी” का दौर है। आतंकवाद की फैक्ट्री अब बंद होगी, चाहे उसके बोर्ड पर “Made in Pakistan” लिखा हो या नहीं।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चाहिए होश की खुराक
अब वक्त आ गया है कि दुनिया पाकिस्तान को सिर्फ “न्यूक्लियर बटन” के डर से नहीं, उसकी आतंक नीति के कारण अलग-थलग करे। भारत ने बार-बार दुनिया को दिखाया है कि आत्मरक्षा अब ऑप्शन नहीं, इमरजेंसी है।
पाकिस्तान बोले “हम युद्ध नहीं चाहते”, भारत बोले “हम भी नहीं, पर तुम्हारी आदतें मजबूर कर देती हैं!”
जनरल मुनीर की “नस” फड़क रही है और भारत की सेना की “नसें” अब आराम नहीं कर रही। और जब भारत शांत रहता है, तो उसका जवाब और भी ज्यादा मजबूत और मर्मांतक होता है।
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