मोदी अर्जेंटीना में! लिथियम के लिए ‘स्ट्रेट ड्राइव’, ब्रिक्स से पहले लैटिन ओपनिंग!

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों विदेशी दौरों की ‘IPL सीरीज’ पर हैं — और उनका नया मैच अर्जेंटीना में हो रहा है। ब्यूनस आयर्स पहुंचे मोदी जी का एयरपोर्ट पर स्वागत ऐसे हुआ मानो कोई बॉलीवूड सुपरस्टार पहुंचा हो। लेकिन असल स्क्रिप्ट में एक्शन, एनर्जी और लिथियम है!

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57 साल बाद भारत का अर्जेंटीना प्रेम — ये है ‘पॉलिटिकल रीकनेक्शन’

1968 के बाद पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने अर्जेंटीना को द्विपक्षीय दौरे के लिए चुना है। पिछली बार तो सिर्फ जी20 के बहाने गए थे, लेकिन इस बार मिशन क्लियर है — रणनीतिक साझेदारी को “सुपरचार्ज” करना

पीएम मोदी और माइली की ‘कैमिस्ट्री मीटिंग’

अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ मोदी जी की मुलाकात सिर्फ हैंडशेक तक सीमित नहीं होगी — चर्चा होगी:

  • रक्षा सहयोग (Make in India, Export to Buenos Aires?)

  • कृषि और खनन (Indian Kisan meets South American Soil)

  • ऊर्जा और निवेश (Renewables से Relationship तक)

और हां, लिथियम! क्योंकि बैटरी हो या रणनीति — भारत को अब चीन से मुक्त होना है।

लिथियम के लिए ‘मोदी मैजिक’?

भारत अब EV (इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) और ऊर्जा के खेल में सीरियस है। चीन पर लिथियम की निर्भरता किसी बिन बुलाए रिश्तेदार जैसी हो चुकी है — न निकले, न निभे!

अर्जेंटीना के पास लिथियम का खजाना है और भारत के पास रणनीतिक नजरिया। अगर डील हो गई, तो इसे आप मोदी की लिथियम-स्ट्राइक मान सकते हैं।

ब्रिक्स से पहले अर्जेंटीना — टाइमिंग परफेक्ट!

यह दौरा पीएम मोदी की 5 देशों की यात्रा का तीसरा पड़ाव है। त्रिनिदाद और टोबैगो में उन्हें देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला और अब अर्जेंटीना में रणनीतिक पिच तैयार हो रही है। इसके बाद वह ब्राज़ील के लिए रवाना होंगे, जहां 17वां BRICS सम्मेलन और राजकीय दौरा दोनों उनका इंतज़ार कर रहे हैं।

भारत-अर्जेंटीना रिश्तों में नए युग की शुरुआत?

  • द्विपक्षीय व्यापार पहले ही $6 बिलियन के पार है

  • निवेश, तकनीक और टूरिज़्म में संयुक्त योजनाएं

  • और अब लिथियम, डिफेंस और कृषि में नई भागीदारी

“विदेश नीति की ये ‘जुगलबंदी’ मोदी स्टाइल में ही मुमकिन है”

मोदी जी का यह दौरा सिर्फ राजनयिक ट्रैवल नहीं, बल्कि ग्लोबल इमेज बिल्डिंग की रणनीतिक बिसात है। बात सिर्फ दोस्ती की नहीं, बल्कि डील्स, डिप्लोमेसी और डॉमिनेशन की है। अर्जेंटीना के बाद ब्राज़ील और फिर नामीबिया — मोदी जी की विदेश नीति की ‘सीरीज’ में हर मैच का स्कोर बढ़ रहा है… और विपक्ष अभी टॉस ही नहीं जीत पा रहा!

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