
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के बहुप्रतीक्षित समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की त्रिकोणीय मुलाकात तय हो चुकी है। लेकिन सबसे ज्यादा बेचैनी अगर किसी को है, तो वह है डोनाल्ड ट्रंप, जो इस मीटिंग को “Netflix नहीं, लेकिन वैसा ही इंटरनेशनल ड्रामा” मानकर बिन popcorn के देख रहे हैं।
क्या है इस SCO मीटिंग की बड़ी बात?
मोदी और पुतिन की यह मुलाकात यूक्रेन युद्ध के बाद की सबसे अहम कूटनीतिक बातचीत मानी जा रही है।
चीन भी मौजूद रहेगा, यानी बातचीत सिर्फ गर्म चाय और फोटोशूट तक सीमित नहीं रहने वाली। ट्रंप टैरिफ से परेशान भारत, रूस और चीन एकसाथ आकर व्यापार की नई गाथा लिखने पर चर्चा करेंगे।
ट्रंप का टैरिफ, तीन देशों का “टेक ऑन ट्रंप”
ट्रंप का टैरिफ साउथ ब्लॉक से लेकर क्रेमलिन तक की नींद उड़ा रहा है। अब भारत, रूस और चीन “ट्रंप के झटके” को कम करने के लिए माल-धंधे की नई रणनीति बनाने पर चर्चा करेंगे।
सूत्र बोले: “तीनों नेताओं के पास मीटिंग में लाने को एक चीज़ तो पक्की है – ट्रंप की शिकायतों की लिस्ट।”
मोदी-पुतिन की केमिस्ट्री और शी की चुप्पी
मोदी-पुतिन के रिश्ते वैसे ही मजबूत हैं जैसे भारत में चाय और चुनाव।
शी जिनपिंग, हमेशा की तरह, सुनेंगे ज्यादा, बोलेंगे कम, लेकिन कैमरा जरूर ढूंढते रहेंगे।
क्या निकलेगा इस मीटिंग से?
रूस-भारत के बीच व्यापार और डिफेंस समझौते
चीन के साथ सीमित लेकिन “जरूरत भर का दोस्ताना”
ट्रंप टैरिफ के असर को कम करने की संयुक्त रणनीति
एक नया Indo-Russia-China trade corridor पर चर्चा