अखिलेश यादव के करीबी एमएलसी ने दिल्ली के परिवहन आयुक्त की गोमती नगर के प्लाट पर कब्जे किया प्रयास

लखनऊ । दिल्ली में तैनात परिवहन आयुक्त व्रजेश नारायण सिंह ने नेता, विल्डर और एलडीए अधिकारियों की मिलीभगत से गोमतीनगर स्थित जमीन पर कब्जे का आरोप लगाया है। उन्होंने गोमतीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया हैं। आरोप है कि फर्जीवाड़ा और कब्जे की साजिश सपा के पूर्व एमएलसी उदयवीर सिंह के दिल्ली स्थित आवास पर रची गई थी। उदयवीर सिंह अखिलेश यादव के बेहद करीबी है।

वसंतकुज नई दिल्ली निवासी आईएएस अधिकारी व्रजेश नारायण सिंह दिल्ली में ही वतौर परिवहन आयुक्त तैनात है। उनके मुताविक गोमतीनगर के विनीत खंड-5 में एक भूखंड उनकी पत्नी मीनल सिंह के नाम वर्ष 1997 में एलडीए द्वारा आवंटित किया गया था । आवंटन के वाद उन्होंने चारों तरफ दीवार खड़ी कर गेट लगवा दिया था। उन्होंने दी गयी तहरीर में बताया कि उनकी ज्यादात सेवा दिल्ली व एनसीआर में रही, जिसके कारण वह भूखंड पर निर्माण नहीं करवा पाए।

आरोप है कि पांच माह पूर्व पड़ोसी ने जानकारी दी कि कुछ लोग खुद को एलडीए का अधिकारी वताकर उनकी जमीन पर वनी चहारदीवारी का एक हिस्सा तोड़ दिया। अंदर लगे पेड़ काट दिया और जमीन को समतल कर रहे है। उन्होंने एलडीए के अधिकारियों से संपर्क किया, तो पता चला कि जमीन के दस्तावेज किसी को नहीं दिये है। संदेह के आधार पर उन्होंने वह भूखंड पर पहुंचे और दीवार का निर्माण कराया। वहां पर वॉल पेंटिंग कराई कि यह जमीन विक्री के लिए नहीं है । अपना मोबाइल नंबर भी दर्ज कराया। कुछ दिन वाद जमीन की चहारदीवारी
फिर तोड़ दी गई।

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परिवहन आयुक्त का कहना है कि वीते 11 फरवरी को पता चला कि उनकी चहारदीवारी तोड़ी गई है। उस पर कब्जा किया जा रहा है। वह जव मौके पर पहुंचे तो वहां धनंजय सिंह नाम का व्यक्ति मिला। उसने बताया कि यह काम करने के लिए अविनाश सिंह सिंकू ने कहा है । वताया कि फैजावाद निवासी शक्ति सिंह ने इस जमीन का फर्जी दस्तावेज तैयार कर खरीदने का प्रयास किया है।

पूरी साजिश समाजवादी पार्टी के पूर्व एमएलसी उदयवीर सिंह के दिल्ली स्थित आवास पर बनाई गई थी । परिवहन आयुक्त ने गोमतीनगर थाने में सपा के पूर्व एमएलसी उदयवीर सिंह, विल्डर शक्ति सिंह, अविनाश सिंह सिंकू, एलडीए के अधिकारी व कर्मचारी समेत कई अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया हैं। इंस्पेक्टर राजेश त्रिपाठी का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।

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