
बिहार चुनाव से पहले लालू प्रसाद यादव के लिए राजनीतिक झटका। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने IRCTC घोटाले में लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत 14 लोगों पर आरोप तय कर दिए हैं। जी हां, अब रेल मंत्रालय की पुरानी पटरी पर कोर्ट की गाड़ी सर्र से चल पड़ी है।
Court ने क्या कहा?
कोर्ट ने साफ-साफ कहा कि जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तब टेंडर की प्रक्रिया में घपलेबाज़ी की गई। “साज़िश उनकी जानकारी में थी और परिवार को जमीन मिलती रही!”
राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को बेहद कम दामों में ज़मीन मिली और बदले में IRCTC में नौकरी दी गई। मतलब, “रेलगाड़ी की टिकट से सस्ता प्लॉट!”
लालू यादव बोले: “हम बेकसूर हैं जी!”
जब कोर्ट ने पूछा – “क्या आप आरोप स्वीकार करते हैं?”
लालू जी बोले –
“हम बिल्कुल स्वीकार नहीं करते हैं जी, ये तो पॉलिटिकल चाल है!”
मतलब, साजिश CBI की, स्क्रिप्ट कोर्ट की, और डायलॉग लालू जी के अपने!

लैंड फॉर जॉब vs IRCTC Scam – क्या फर्क है?
आप सोच रहे होंगे कि ये Land for Job Scam वाला ही मामला है? नहीं जी! IRCTC घोटाला अलग है – ये घोटाला तब का है जब लालू जी रेल मंत्री थे और IRCTC के टेंडर बाँटे जा रहे थे। जबकि “लैंड फॉर जॉब” मामला अलग लाइन से चल रही एक्सप्रेस है।
कौन-कौन हैं इस ‘चार्जशीट एक्सप्रेस’ में?
- लालू प्रसाद यादव
- राबड़ी देवी
- तेजस्वी यादव
- 11 अन्य साथी
(Court ने सभी पर ‘General’ और ‘Special’ डब्बों वाले आरोप लगाए हैं।)
CBI की नई चार्जशीट: “अब सबूतों की बोगी में सफर शुरू”
CBI ने ताज़ा चार्जशीट में कहा है कि टेंडर प्रोसेस में जानबूझ कर बदलाव किए गए। परिवार को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों को ताक पर रखा गया। नौकरी देने के बदले जमीन ली गई, वो भी औने-पौने दाम में। मतलब, यहां रेल टिकट नहीं, नौकरी के लिए जमीन की मांग थी।
“बिहारी राजनीति में फिर गरमी बढ़ी!”
बिहार चुनाव पास है, लालू जी का नाम फिर से सुर्खियों में है। CBI का एक्शन, कोर्ट की फटकार और मीडिया की ब्रेकिंग – सब कुछ टाइमिंग पर है। अब देखना ये होगा कि इस ‘रेल केस’ की अंतिम मंज़िल क्या होती है – “जेल या बेल?”
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