
भारत में एक बार फिर कोविड-19 की दस्तक सुनाई दे रही है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार देश में 1009 सक्रिय कोविड-19 मामले दर्ज किए गए हैं।
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सबसे ज़्यादा मामले केरल (430) में हैं, इसके बाद महाराष्ट्र (209) और दिल्ली (104) का स्थान है। नीचे राज्यवार सक्रिय मामलों की सूची दी गई है:
राज्यवार कोविड-19 एक्टिव केस
राज्य | सक्रिय मामले |
---|---|
केरल | 430 |
महाराष्ट्र | 209 |
दिल्ली | 104 |
गुजरात | 83 |
तमिलनाडु | 69 |
कर्नाटक | 47 |
उत्तर प्रदेश | 15 |
राजस्थान | 13 |
पश्चिम बंगाल | 12 |
हरियाणा | 9 |
पुडुचेरी | 9 |
आंध्र प्रदेश | 4 |
मध्य प्रदेश | 2 |
तेलंगाना | 1 |
गोवा | 1 |
छत्तीसगढ़ | 1 |
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री बोले – “घबराने की ज़रूरत नहीं”
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडु राव ने कहा है कि देश में फिलहाल कोविड संक्रमण हल्का और माइल्ड है। उन्होंने पीटीआई से बातचीत में कहा:
“दक्षिण-पूर्वी एशिया में भी मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन वहां भी संक्रमण माइल्ड है। भारत में घबराने जैसी कोई स्थिति नहीं है।”
मंत्री ने महाराष्ट्र में हुई कुछ मौतों के संदर्भ में कहा कि:
“ये मौतें कोविड की वजह से नहीं, बल्कि अन्य बीमारियों के कारण हुई हैं। फिर भी हम सतर्क हैं और एडवाइजरी जारी की गई है।”
क्या वाकई डरने की ज़रूरत नहीं है?
जहां एक ओर सरकार आश्वस्त कर रही है कि हालात सामान्य हैं, वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि सतर्कता में ही सुरक्षा है। देश पहले ही तीन लहरों का सामना कर चुका है, और ऐसे में किसी भी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है।
“मास्क भले वैकल्पिक हो गए हों, लेकिन ज़िम्मेदारी अभी भी अनिवार्य है।”
भारत में कोविड की स्थिति फिलहाल नियंत्रण में दिख रही है, लेकिन केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्यों में बढ़ते मामलों के बीच जनता को सतर्क रहना होगा। सरकार का रुख सांत्वना देने वाला है, पर जनता की ज़िम्मेदारी भी उतनी ही अहम है।
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