खेमका मर्डर खुलासा: 10 लाख की सुपारी, मास्टरमाइंड अशोक साह गिरफ्तार

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

पटना के हाई-प्रोफाइल कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस चर्चित हत्याकांड में जो नाम सामने आया है, वो है अशोक साह — पटना का बड़ा रियल एस्टेट कारोबारी, जो अब पुलिस की गिरफ्त में है।

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बिल्डर से बन गया ‘किलर का क्लाइंट’

पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि अशोक साह और गोपाल खेमका के बीच जमीन-जायदाद से जुड़े विवाद लंबे समय से चल रहे थे। दोनों की कई बार बांकीपुर क्लब जैसी जगहों पर कहासुनी हो चुकी थी। एक बार तो मामला इतना बढ़ा कि अशोक ने गार्ड की बंदूक तक गोपाल पर तान दी थी।

10 लाख की सुपारी में लिखी गई मौत

सूत्रों के मुताबिक, अशोक ने गोपाल से पुरानी रंजिश निकालने के लिए 10 लाख रुपये में पेशेवर शूटर्स को सुपारी दी। अशोक ने खुद गोपाल की रेकी करवाई और निर्देश दिए कि “गोपाल किसी भी हालत में जिंदा नहीं बचना चाहिए।” इसके बाद शूटर्स ने वारदात को अंजाम दिया।

मासूम बना मास्टरमाइंड?

हैरानी की बात तो ये है कि हत्या के बाद अशोक भी बाक़ी कारोबारियों की तरह मौके पर पहुंचा और क्लब के अन्य सदस्यों से “चिंता” जताई। लेकिन शक की सुई घूम चुकी थी। पुलिस जांच में जब पेंच फंसे तो कुछ कारोबारियों ने पहले के विवादों की जानकारी पुलिस को दी।

एनकाउंटर या एन्काउंटर प्लान?

इस हत्याकांड में एक आरोपी विकास उर्फ राजा को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया। पुलिस का दावा है कि वही शूटर्स का लीडर था। परिजनों का कहना है कि विकास चेन्नई में नौकरी करता था और पुलिस ने निर्दोष युवक को मार डाला। घर में मातम और सवालों का सैलाब है।

यह केस सिर्फ एक मर्डर नहीं, बल्कि पावर, पॉलिटिक्स और प्रॉपर्टी की त्रिकोणीय कहानी है। अशोक साह, जो पटना के रियल एस्टेट में जाना-पहचाना नाम था, अब अपराध जगत की बड़ी फाइलों में दर्ज हो चुका है।

क्या यह केस एक मिसाल बनेगा या फिर धीरे-धीरे फाइलों में दफन हो जाएगा — इस पर सबकी नज़र है।

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