
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने सोमवार को चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाक़ात की। यह बैठक बीजिंग में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन के मौके पर हुई। दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक बदलाव की बात की और भविष्य में बेहतर संवाद की उम्मीद जताई।
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सोशल मीडिया पर साझा की जानकारी
जयशंकर ने मुलाक़ात की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा करते हुए लिखा,
“हमने हमारे द्विपक्षीय संबंधों में हुए सुधार को रेखांकित किया और विश्वास जताया कि मेरी यात्रा के दौरान होने वाली बातचीत इस सकारात्मक दिशा को बनाए रखेगी।”
उनका बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि दोनों देश तनाव कम करने और संवाद बढ़ाने की दिशा में गंभीर हैं।
एससीओ सम्मेलन: कूटनीति की चौपाल
एस जयशंकर SCO समिट 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व करने चीन पहुंचे हैं। इस बहुपक्षीय मंच पर सदस्य देशों के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे मुद्दों पर चर्चा होती है। ऐसे में हान झेंग से मुलाक़ात केवल शिष्टाचार नहीं, रणनीतिक संकेत भी है।
क्या यह मुलाक़ात तनाव घटाएगी?
पिछले कुछ वर्षों में भारत-चीन संबंधों में सीमा विवाद और राजनीतिक तनाव के कारण खटास आई थी। अब जयशंकर और झेंग की इस बातचीत को दोनों देशों के बीच डिप्लोमैटिक डी-फ्रॉस्टिंग के रूप में देखा जा रहा है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर दोनों देशों में वार्ता का यह सिलसिला जारी रहता है, तो व्यापार, निवेश और सीमाई मुद्दों पर नई सकारात्मक पहल संभव हो सकती है।
डिप्लोमेसी का नया अध्याय?
एस जयशंकर की यह यात्रा एक रणनीतिक प्रयास है जिससे भारत-चीन के संबंधों को संवाद के ट्रैक पर लाया जा सके। जहां पहले रिश्तों में ठंडक थी, वहीं अब मुलाक़ातों से गर्माहट लौटती दिख रही है। SCO सम्मेलन इस नई शुरुआत का मंच बनता नजर आ रहा है।
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