इस्लामाबाद सुन रहा है? अब न इधर से आम जाएगा, न उधर से अनार आएगा।

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

भारत ने पाकिस्तान को आर्थिक धरती से भी दफनाने की तैयारी कर ली है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने वो कर दिखाया जो अब तक सिर्फ टी.वी. डिबेट्स में होता था — ‘अब व्यापार भी बंद!’

कश्मीर में विदेशी आतंकियों की घुसपैठ बढ़ी, ISI का FT मॉड्यूल बेनकाब

पाकिस्तान को अब न यहां से दाल मिलेगी, न तिलहन, न फल — सिर्फ जलन और शर्मिंदगी मिलेगी। और उधर से जो आता था वो तो पहले ही डाउटफुल था — अब सीधे-सीधे जीरो हो गया।

भारत सरकार बोली – ‘ISI भेजता है आतंकी, हम भेजेंगे सख्ती’
पहले डायरेक्ट व्यापार पर ताला लगा, अब इनडायरेक्ट झरोखों को भी वेल्डिंग से सील कर दिया गया है। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा — “अब न कोई माल उधर जाएगा, न उधर से आएगा।” एकदम लाला के लेजर लॉक गोडाउन जैसा।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया:

“ये तो सरासर अन्याय है!” — पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की गुहार।
लेकिन भारत की तरफ से जवाब आया — “दूध मांगोगे तो खीर देंगे, आतंक भेजोगे तो एक्सपोर्ट लाइसेंस कैंसिल करेंगे!”

व्यापार का हाल:

2019 के पुलवामा हमले के बाद ही भारत ने पाकिस्तानी सामानों पर 200% टैक्स ठोंक दिया था। फिर भी कुछ लोग खजूर खा रहे थे, वो भी बंद। अब कुल ट्रेड हुआ 0.0001% से भी कम — यानि अब पाकिस्तानी बिज़नेस ग्राफ भी ISPR की साख जैसा सपाट हो गया है।

वाघा बॉर्डर? अब सिर्फ बंद दरवाज़ा

वाघा-अटारी बॉर्डर अब सिर्फ टूरिस्ट स्पॉट बचा है — “यहां एक वक्त था जब फल आते थे, अब सिर्फ फौजी ठहरते हैं।”

पाकिस्तान का भविष्य:

पाकिस्तान अब अपने आम, अदरक और आतंकवाद के लिए नया बाजार ढूंढ रहा है — अफगानिस्तान भी मना कर रहा है, चीन पेमेंट मांग रहा है और IMF पेट्रोल।

भारत ने दिखा दिया कि अब सिर्फ शब्द नहीं, व्यापार भी हथियार है। पाकिस्तान अगर समझा नहीं, तो अगला कदम – सप्लाई चेन से नाम काट, भूगोल से भी काट देंगे!

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