ISIS: लखनऊ RSS ऑफिस और दिल्ली की आजादपुर मंडी की की थी रेकी

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

रविवार को गुजरात के अहमदाबाद में ATS और केंद्रीय एजेंसियों ने एक बड़ी संयुक्त कार्रवाई करते हुए तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आतंकियों का लिंक सीधे ISIS मॉड्यूल से बताया जा रहा है।
सुरक्षा एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक, ये आतंकी भारत में बड़ा हमला करने की साजिश रच रहे थे और हथियार बदलने के लिए गुजरात पहुंचे थे।

RSS लखनऊ ऑफिस और दिल्ली की आजादपुर मंडी थी टारगेट!

जांच के बाद खुलासा हुआ है कि तीनों आतंकियों ने लखनऊ स्थित RSS ऑफिस और दिल्ली की आजादपुर मंडी की रेकी की थी।
ये दोनों ही जगहें बेहद संवेदनशील और भीड़भाड़ वाली हैं।

एजेंसियों के मुताबिक, इनकी योजना थी— “एक झटका, कई शहर हिला दो।”

कौन हैं ये तीन आतंकी?

पकड़े गए आतंकियों की पहचान इस प्रकार हुई है:

  1. मोहम्मद सुहैल
  2. अहमद मोहियुद्दीन सैयद
  3. आज़ाद सुलेमान शेख

इनमें से एक आतंकी हैदराबाद का है, जबकि दो उत्तर प्रदेश के रहने वाले बताए जा रहे हैं। तीनों लंबे समय से संपर्क में थे और देश के कई हिस्सों में रेकी और हथियार जमा करने का काम कर रहे थे।

राजस्थान के कब्रिस्तान में छिपा रखा था हथियारों का जखीरा

जांच में सामने आया कि आतंकियों ने राजस्थान के एक कब्रिस्तान में हथियारों का जखीरा छिपा रखा था।
वहां से बरामद हुआ:

  • 30 कारतूस
  • 4 विदेशी पिस्तौल
  • 40 लीटर कैस्टर ऑयल (रॉकेट फ्यूल में उपयोगी पदार्थ)

अब ATS की टीमें इस पूरे नेटवर्क को ट्रेस करने में जुटी हैं।

एजेंसियों ने टाला बड़ा आतंकी खतरा

सूत्रों के मुताबिक, अगर ये मॉड्यूल सफल हो जाता तो गुजरात, लखनऊ और दिल्ली तीनों शहर एक साथ दहल सकते थे। ATS ने समय रहते ऑपरेशन अंजाम देकर देश की बड़ी तबाही टाल दी।

“RSS ऑफिस की रेकी? भाई, वहां तो बिना आईडी कार्ड के चाय भी नहीं मिलती!”
“आजादपुर मंडी का रास्ता कौन बताता है? वहां भीड़ खुद बम को डरा दे।”

सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता से बचा बड़ा हादसा

केंद्रीय एजेंसियों ने इस मामले में हाई-लेवल मीटिंग बुलाई है। अब इन आतंकियों से पूछताछ में और कई राज्यों में sleeper cells के एक्टिव होने की जानकारी मिल सकती है। गुजरात ATS ने इसे कहा है —

“यह सिर्फ गिरफ्तारी नहीं, देश की सुरक्षा में एक बड़ा कदम है।”

गुजरात से लेकर लखनऊ और दिल्ली तक फैला यह मॉड्यूल देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता था। ATS की तेजी से न सिर्फ साजिश नाकाम हुई, बल्कि एक बार फिर ये साबित हुआ कि—“भारत की सुरक्षा एजेंसियां सोती नहीं, बस चौकन्नी खड़ी रहती हैं।”

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