
ईरान की सरकारी मानी जाने वाली फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान बीते महीने एक इसराइली हमले में घायल हो गए थे। ये हमला 16 जून को तेहरान की एक सीक्रेट अंडरग्राउंड फैसिलिटी पर हुआ जब वह सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की इमरजेंसी मीटिंग में हिस्सा ले रहे थे।
एजेंसी के अनुसार, इसराइल ने फैसिलिटी के एंट्रेंस मार्गों को छह बमों से निशाना बनाया जिससे राष्ट्रपति के पैर में मामूली चोट आई।
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अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं
फ़ार्स की इस रिपोर्ट की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है और न ही इसराइली सरकार ने अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है। रिपोर्ट ने सोशल मीडिया पर हड़कंप मचा दिया है, लेकिन ईरान के अन्य सरकारी चैनलों ने इस बारे में अब तक चुप्पी साध रखी है।
पेज़ेश्कियान ने पहले ही लगाए थे हत्या के आरोप
इस हमले की खबर ऐसे समय पर आई है जब कुछ दिन पहले ही राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान ने यह सीधा आरोप लगाया था कि इसराइल उन्हें मारने की साज़िश कर रहा है। हालांकि, इस पर इसराइली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने टिप्पणी करने से इनकार किया, और मंत्री इसराइल कात्ज़ ने इसे ‘निराधार’ करार दिया।
सीक्रेट फैसिलिटी पर हमला – इंटेलिजेंस लीक या साइबर ट्रैकिंग?
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, अगर यह रिपोर्ट सच है तो यह दिखाता है कि इसराइल की खुफिया पहुंच ईरान के भीतर बेहद गहरी है। एक सीक्रेट अंडरग्राउंड फैसिलिटी का सटीक लोकेशन और समय कैसे ट्रैक हुआ, ये सवाल ईरान की आंतरिक सुरक्षा और आईआरजीसी (IRGC) की क्षमताओं पर गंभीर चिंता पैदा करता है।
क्या तनाव की नई लहर आने वाली है?
यदि फ़ार्स की रिपोर्ट सच साबित होती है, तो यह घटना ईरान-इसराइल रिश्तों को और ज़हरीला बना सकती है। पेज़ेश्कियान के घायल होने की बात सिर्फ एक राष्ट्रपति पर हमला नहीं, बल्कि एक स्ट्रैटेजिक वॉरफेयर सिग्नल के रूप में देखा जाएगा। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या ईरान इसका जवाब देगा – और किस रूप में?
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