
जब दुनिया उम्मीद छोड़ बैठती है, तब डिप्लोमेसी चुपके से मीटिंग रूम में घुसती है — और अचानक शांति का ऐलान हो जाता है! ईरान और इसराइल, जो अब तक एक-दूसरे को ट्विटर और टैंकों से जवाब देते आ रहे थे, अब हथियारों की जगह “समझौता-पत्र” टाइप पेपर पर दस्तख़त कर चुके हैं।
और इसी मौके पर क़तर, जो हमेशा से मिडिल ईस्ट के कूटनीतिक क्लास मॉनिटर की भूमिका निभाता आया है, ने इस युद्धविराम का गर्मजोशी से स्वागत किया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सराहना करते हुए क़तर ने उम्मीद जताई है कि यह कदम न सिर्फ़ इस क्षेत्र में, बल्कि दुनिया भर में तनाव घटाने की शुरुआत हो सकता है।
“ऑपरेशन सिंदूर पार्ट 2?” – अब तुर्की की बारी है कांपने की!
पर सवाल ये भी है: क्या ये शांति चाय की प्याली जैसी है – गरम, लेकिन थोड़ी देर में ठंडी?
मिडिल ईस्ट की राजनीति में गर्मी हमेशा मौसम से नहीं, बयानबाज़ी से आती है। ऐसे में जब ईरान और इसराइल ने युद्धविराम की चुस्की ली, तो क़तर ने भी अपने डिप्लोमैटिक केतली में पानी गरम कर लिया। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया, “हमें उम्मीद है कि यह समझौता सिर्फ़ दो देशों के बीच नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए संवाद का कप-ऑफ-टी साबित होगा।”
ट्रंप साहब, वाह क्या बात है!
डोनाल्ड ट्रंप, जिनके ट्वीट्स कभी परमाणु बटन से बड़े लगते थे, अब शांति के बटन दबा रहे हैं। युद्धविराम की घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने बड़े ही ‘ध्यानमग्न’ अंदाज़ में की। क़तर ने भी इसे हाथोंहाथ लिया और ट्रंप के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “कभी-कभी बड़बोलापन भी सुकून दे सकता है!”
एयरस्पेस या नो-फ्लाई ज़ोन?
हालाँकि क़तर ने इस डिप्लोमैटिक डेवलपमेंट का स्वागत किया, पर ईरान की ओर से एयरस्पेस उल्लंघन पर तंज कसते हुए बोला – “शांति के नाम पर बातचीत अच्छी है, लेकिन उड़ती हुई मिसाइलों को भी कुछ समझाइए।”
मतलब साफ़ है – बातचीत ज़रूरी है, पर बिना GPS गड़बड़ी के!
अमेरिका और क़तर की संयुक्त कूटनीति
ईरान और इसराइल को बातचीत की मेज़ तक लाने में अमेरिका और क़तर की जोड़ी ने जो रोल निभाया है, वह शांति स्थापना की Netflix डॉक्यूमेंट्री टाइप लगता है – सस्पेंस, ड्रामा, और अचानक से “युद्धविराम”!
क़तर इस कोशिश को ‘सार्थक प्रयास’ मान रहा है। वैसे, अगर डिप्लोमेसी का FIFA होता, तो शायद क़तर गोल भी कर चुका होता।
चाय पीते रहो, लड़ाई छोड़ो
मिडिल ईस्ट की राजनीति अब शायद थोड़ा ठंडी हो रही है — कम से कम अगले ट्वीट तक। ईरान और इसराइल ने हाथ मिलाया है (हालांकि दूर से), क़तर ने ताली बजाई है, और ट्रंप ने कैमरे की ओर देखा है।
क्या ये शांति स्थायी होगी? कौन जाने। पर फिलहाल, दुनिया को थोड़ी राहत, और पत्रकारों को एक दिन की छुट्टी ज़रूर मिल सकती है।