
अमेरिका ने एक बार फिर ईरान को परमाणु समझौते पर लौटने का प्रस्ताव भेजा है। इस बार यह प्रस्ताव कूटनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील समय पर आया है—जब अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी (IAEA) की रिपोर्ट ने बताया कि ईरान ने उच्च स्तर पर यूरेनियम संवर्धन (enrichment) की रफ्तार तेज कर दी है। व्हाइट हाउस ने शनिवार को इस प्रस्ताव की पुष्टि कर दी।
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ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराग़ची ने जानकारी दी कि उन्हें यह प्रस्ताव ओमान के विदेश मंत्री बदर बिन हम्माद अल-बुसैदी के हाथों मिला। यह मुलाक़ात तेहरान में हुई, जहां ओमान के मंत्री ने अमेरिका की ओर से कुछ “महत्वपूर्ण बिंदु” साझा किए।
“हम इस प्रस्ताव पर अपने राष्ट्रीय सिद्धांतों, जनता के हित और अधिकारों के आधार पर निर्णय लेंगे,”
– अब्बास अराग़ची (X पर बयान)
व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया: “ईरान के हित में है यह समझौता”
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने कहा कि यह प्रस्ताव ईरान के लिए लाभकारी है और क्षेत्र में स्थिरता की दिशा में एक कदम है।
“राष्ट्रपति ट्रंप स्पष्ट कर चुके हैं कि ईरान को कभी परमाणु बम नहीं बनाने दिया जाएगा,”
– कैरोलिन लेविट
उन्होंने आगे बताया कि इस प्रस्ताव को अमेरिका के मध्य पूर्व विशेष दूत स्टीव विटकॉफ़ ने तैयार किया है। यह एक विस्तृत और गंभीर प्रस्ताव है, जिसे स्वीकार किया जा सकता है।
IAEA की रिपोर्ट से बढ़ा तनाव
IAEA की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान अब उच्च-स्तरीय यूरेनियम संवर्धन कर रहा है—जो किसी भी देश की परमाणु शक्ति बनने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जाता है। ऐसे में अमेरिका का यह प्रस्ताव राजनयिक समाधान का प्रयास माना जा रहा है, ताकि किसी टकराव की नौबत से बचा जा सके।
क्या है आगे की राह?
अब सबकी निगाहें ईरान की आधिकारिक प्रतिक्रिया पर हैं। जबकि समझौते की पूरी शर्तें सार्वजनिक नहीं की गई हैं, लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि अमेरिका इसे अंतिम डिप्लोमैटिक मौका मान रहा है।
अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु डील को लेकर फिर से हलचल तेज हो गई है। जहां अमेरिका एक नए समझौते की पेशकश कर रहा है, वहीं ईरान फिलहाल सावधानीपूर्वक विचार कर रहा है। आने वाले हफ्ते मध्य पूर्व की राजनीति के लिए निर्णायक हो सकते हैं।
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