इंसुलिन रेसिस्टेंस: वजन बढ़ाओ, बीमारी पाओ? जानिए बचाव के आसान तरीके

महिमा बाजपेई
महिमा बाजपेई

“मैं तो सिर्फ पिज़्ज़ा खाता हूं, लेकिन थकावट हर समय रहती है!” अगर ये लाइन आपकी डेली डायरी का हिस्सा है, तो इंसुलिन रेसिस्टेंस आपके दरवाजे पर खड़ा है – डोरबेल बजा के नहीं, सीधा घुसकर!

आज की लाइफस्टाइल – जिसमें उठते ही फोन, बैठते ही स्नैक्स, और सोते वक्त इंस्टाग्राम रील्स – ने हमारी बॉडी को “जलेबी मोड” पर डाल दिया है। बाहर से गोल-मटोल और अंदर से उलझा हुआ।

इंसुलिन रेसिस्टेंस क्या बला है?

इंसुलिन शरीर का वो “सीरियस कर्मचारी” है जो ब्लड शुगर को खींचकर कोशिकाओं तक पहुंचाता है, ताकि बॉडी को एनर्जी मिले।

लेकिन जब बॉडी के सेल्स “इंसुलिन को भाव देना बंद कर देते हैं”, तो इंसुलिन रेसिस्टेंस होता है।
नतीजा:

  • शुगर बढ़ती है

  • इंसुलिन और बनता है

  • और फिर शुरू होती है एक मिठास से भरी तबाही!

प्रमुख कारण: मीठे धोखे और बैठी ज़िंदगी

1. मीठा खाने की मजबूरी (या लत?)

  • बिस्किट से लेकर बबल टी तक – हर चीज़ में छुपी है शुगर की साज़िश

 2. कार्ब्स ज्यादा, फाइबर शून्य

  • सफेद चावल और मैदा की दोस्ती इंसुलिन को डिप्रेशन में डाल देती है

 3. “Sitting is the new Smoking”

  • पूरा दिन कुर्सी पे बैठना = शरीर बोलेगा: “भाई, मैं रिस्पॉन्ड नहीं कर रहा”

 4. नींद कम, स्क्रीन टाइम ज्यादा

  • इंसुलिन भी इंसान की तरह है – नींद न मिले तो चिड़चिड़ा हो जाता है

 5. पेट की चर्बी aka Belly Fat का आतंक

  • ये फैट सीधा इंसुलिन की स्पीड ब्रेकर बन जाता है

 6. हार्मोनल समस्याएं (खासकर महिलाओं में PCOD)

  • PCOS और इंसुलिन रेसिस्टेंस जैसे रूममेट्स – एक हो तो दूसरा फ्री में आता है

 बचाव: इलाज दवाओं में नहीं, आपकी प्लेट और दिनचर्या में है

 1. खाना सुधारो, शुगर सुधारो

  • Include करें: फल, हरी सब्ज़ियाँ, ओट्स, बाजरा, दालें, हेल्दी फैट्स

  • Avoid करें: पैकेज्ड फूड्स, चिप्स, और वो “0% फैट” वाला झूठ

 2. हर दिन कम से कम 30 मिनट चलो

  • चलना, योग, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग – कुछ भी करो, बस कुर्सी छोड़ो

 3. इंटरमिटेंट फास्टिंग – अगर डॉक्टर बोले OK

  • खाने के बीच गैप रखने से इंसुलिन बोलेगा: “थैंक यू!”

 4. नींद और स्ट्रेस मैनेजमेंट

  • कम से कम 7 घंटे की नींद

  • मेडिटेशन, म्यूजिक या मम्मी के हाथ का खाना – जो भी स्ट्रेस घटाए

 5. वजन घटाओ, खासकर पेट वाला

  • सिर्फ 5-7% वजन घटाने से ही इंसुलिन रेसिस्टेंस की हवा निकल सकती है

अलर्ट! ये लक्षण हो तो लापरवाह मत बनो

  • खाना खाते ही नींद आना या थकान

  • पेट के आसपास चर्बी जमा होना

  • PCOD/PCOS की शिकायत

  • बार-बार भूख लगना

  • ब्लड रिपोर्ट में फास्टिंग इंसुलिन या ट्राइग्लिसराइड्स हाई होना

इंसुलिन रेसिस्टेंस = “शरीर की साइलेंट स्ट्राइक”

अगर आप इसे इग्नोर करते हैं, तो आगे जाकर ये डायबिटीज़, हार्ट डिज़ीज़ और वजन की जंग का कारण बन सकता है।
पर अगर आज से डिसिप्लिन अपनाया, तो बिना गोली खाए भी बॉडी को फिट रखा जा सकता है।

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