Pakistan को भारत का करारा जवाब: “पहले अपने Human Rights देखो!

Saima Siddiqui
Saima Siddiqui

पाकिस्तान फिर वही पुराना “Kashmir Kashmir” राग अलाप रहा था, लेकिन इस बार भारत ने सीधा और धारदार जवाब दिया— “पाखंडी पाकिस्तान, दूसरों पर उंगली उठाने से पहले अपना मानवाधिकार रिकॉर्ड देख!”

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा कि जिस देश की पूरी दुनिया में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, कट्टरता और अत्यधिक उत्पीड़न का दागदार रिकॉर्ड हो, उसे नैतिक शिक्षा देने का ZERO हक है।

PAK ने क्या कहा था? वही पुरानी स्क्रिप्ट!

राजनाथ सिंह के सिंध संबंधी बयान के बाद पाकिस्तान को फिर से कश्मीर याद आ गया। उन्होंने एक कथित UN रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन बढ़ा है— यानी कहानी वही, बस साल बदल गया है।

PAK ने कहा कि अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले के बाद “मानवाधिकार हनन बढ़ गए”—पर रिपोर्ट कहाँ है? किसने बनाई?
अरे भाई, PAK का कुछ भी हो सकता है—बस हकीकत नहीं।

भारत का तगड़ा पलटवार: Mirror Therapy for Pakistan

भारत ने कहा— “पहले अपने देश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार देखो। “Human rights का लेक्चर देने की आपकी कोई नैतिक स्थिति नहीं।”

“मनगढ़ंत रिपोर्टें दिखाकर झूठा प्रचार बंद करो।”

सीधे शब्दों में— India ने PAK को अंतरराष्ट्रीय मंच पर FACTS की मलाई लगाकर चुप करा दिया।

अयोध्या को लेकर भी बोला पाकिस्तान – और फिर फेल हो गया

PAK विदेश मंत्रालय ने राम मंदिर पर फहराए गए पवित्र ध्वज की भी निंदा की। उन्होंने इसे भारत में “अल्पसंख्यकों पर दबाव” बताया और UN को इस दिशा में ध्यान देने की अपील की। यानि मंदिर बने भारत में, खुशी मनाई भारत में… दिक्कत हुई पाकिस्तान को।
Typical.

पाकिस्तान का डबल स्टैंडर्ड, भारत की डबल स्ट्रेंथ

पाकिस्तान की नीति = “अपनी गलतियों का blame भारत पर डालो और खुद को victim दिखाओ।”

भारत की प्रतिक्रिया = “पहले अपने घर की सफाई करो, फिर global lecture देने आना।”

भारत ने एक बार फिर साफ कर दिया है— कश्मीर भारत का था, है, और रहेगा। और PAK की खोखली रिपोर्टें बदल भी जाएँ, हकीकत नहीं।

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