IMF बोले – पहले सुधर, फिर उधार! पाकिस्तान से पूछा – तुम्हारा बजट है या बजट से बड़ी कोई साज़िश?

Saima Siddiqui
Saima Siddiqui

पाकिस्तान को कर्ज़ चाहिए, लेकिन IMF ने कहा – “भाई पहले EMI भरो, फिर अगली किश्त लो!”
‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, IMF अब सिर्फ ब्याज नहीं, नियमों की पूरी किताब थमा रहा है। कुल मिलाकर अब पाकिस्तान पर 50 शर्तों की ज़िम्मेदारी, और हर शर्त के नीचे लिखा है – “अगर करना है उधार तो करो सुधार!”

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IMF की टॉप 11 नई शर्तें – पाकिस्तान स्टाइल में!

  1. संसद से 17,600 अरब रुपये का बजट पास कराओ – ना कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान करो।

  2. बिजली बिल में अधिभार जोड़ो – मतलब आम जनता का बल्ब तो खुद ही फ्यूज़ हो जाएगा!

  3. पुरानी कारें इंपोर्ट करो – क्योंकि नई वाली का तो पेट्रोल नहीं भरवा सकते।

  4. किसानों से भी टैक्स लो – अब ‘किसान कार्ड’ नहीं, ‘किसान चार्ज’ चलेगा!

  5. संस्थागत सुधार दिखाओ – कम से कम रिपोर्ट कार्ड में तो पास हो जाओ।

  6. एनर्जी सेक्टर में पारदर्शिता लाओ – मतलब हर कटौती की रसीद दो।

  7. टैरिफ खुद तय मत करो – IMF से पूछो, बिजली कब और कितनी लगेगी।

  8. साल 2027 के बाद के लिए वित्तीय रोडमैप बनाओ – जैसे पाकिस्तान 2077 तक चलेगा!

  9. भारत से लड़ना बंद करो – क्योंकि युद्ध महंगा और लोन सस्ता है!

  10. रक्षा बजट घटाओ – कम से कम बम ना सही, ब्याज तो चुका सको।

  11. मीडिया में शिकायत कम और समाधान ज़्यादा दिखाओ – वरना अगली किश्त bye-bye!

IMF की टेंशन, पाकिस्तान की फिकर

IMF को डर है कि कहीं कर्ज डूब न जाए और पाकिस्तान को टेंशन है कि अब देश डूब न जाए! भारत-पाक तनाव के कारण IMF खुद घबरा गया है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने उनके कान खड़े कर दिए। अब IMF कह रहा – “Loan aur War, dono ek saath nahi chalega!”

पाकिस्तान अब एक ही वक्त में दो जंग लड़ रहा है – एक अपने आर्थिक हालात से और दूसरी IMF के Excel शीट से। अगर 50 शर्तें पूरी हो गईं तो शायद अगली किस्त मिले, वरना ‘IMF लोन रिलीफ’ अब Netflix की सीरीज बन सकता है – “Loan of Thrones: Islamabad Edition!”

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