
ग़ज़ा संघर्ष को लेकर बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। हमास ने घोषणा की है कि वह इसराइल के कब्जे में रहे सभी बंधकों को रिहा करने को तैयार है — लेकिन इसके बदले उसने अमेरिकी शांति योजना के कई बिंदुओं पर पुनर्चर्चा की मांग रखी है। यह घोषणा डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ट्रुथ सोशल पर दिए गए बयान के कुछ ही देर बाद हुई।
ट्रंप बोले – “हमास अब शांति के लिए तैयार है”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास के बयान को सकारात्मक संकेत बताते हुए कहा- “हमास की ओर से जारी हुए बयान के आधार पर मेरा मानना है कि वे स्थायी शांति के लिए तैयार हैं।”
उन्होंने इसराइल से अपील की कि “इसराइल को ग़ज़ा पर बमबारी तुरंत रोकनी चाहिए, जिससे कि हम बंधकों को सुरक्षित और जल्द बाहर निकाल सकें।”
ट्रंप की ये टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब नेतन्याहू और ट्रंप की हालिया मीटिंग में अमेरिका की शांति योजना को लेकर समझौता हुआ था।
हमास की शर्तें – ‘बंधक देंगे, पर प्लान पहले पढ़ो’
हमास ने स्पष्ट किया कि वह शांति चाहता है, लेकिन अमेरिका द्वारा प्रस्तावित ग़ज़ा शांति योजना के “कुछ प्रमुख बिंदुओं” पर असहमति है।
हमास चाहता है कि स्थायी युद्धविराम की गारंटी हो
ग़ज़ा में पुनर्निर्माण और राहत पहुँचाने की अनुमति दी जाए

इसराइली सेना की वापसी की टाइमलाइन तय की जाए
“बंधकों की रिहाई के बदले हमें समझदारी और सम्मानजनक समाधान चाहिए,” हमास के एक वरिष्ठ नेता ने कहा।
ट्रंप-नेतन्याहू की मुलाकात बनी कूटनीतिक मोड़
बीते हफ्ते इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू अमेरिकी दौरे पर थे, जहां उन्होंने ट्रंप के साथ ग़ज़ा संकट को हल करने की अमेरिकी रणनीति पर सहमति जताई थी।
दोनों नेताओं ने इस योजना को “One Last Chance for Peace” की तरह पेश किया था।
क्या अब वाकई शांति की उम्मीद है?
हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि हमास की बंधक रिहाई की सहमति एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन शांति योजना पर बनी आपत्तियाँ यह बताती हैं कि अभी रास्ता लंबा है।
“राजनीति में बयान से ज्यादा अहम होता है – उस पर अमल,” एक मध्य-पूर्व विश्लेषक ने कहा।