नए मंत्री: कोई युवा जोश तो कोई पुराना होश! विभाग भी बंटे जैसे बर्फी की प्लेट

सुरेन्द्र दुबे ,राजनैतिक विश्लेषक
सुरेन्द्र दुबे ,राजनैतिक विश्लेषक

गुजरात में राज्य की राजनीति में “बदलाव के बादल” गूंज रहे थे और अब ये बादल बरसकर 25 मंत्रियों के रूप में बरसे — जिनमें 16 चेहरे बिल्कुल ताज़ा, जैसे गर्मागर्म ढोकला!

सीएम-डिप्टी सीएम: दो ही काफी हैं!

  • मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने अपने पास वही रखा जो हर सीएम रखता है — “सब कुछ”! जी हां, प्रशासन से लेकर बंदरगाह और खनिज से लेकर खबरी विभाग (सूचना व प्रसारण) तक, सब उन्हीं की जेब में है।

  • हर्ष संघवी को उपमुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने युवा कार्ड खेला है। और हर्षभाई को भी ऐसा विभाग मिला है कि जेल से लेकर पर्यटन तक, और मदिरा से लेकर मिठा उद्योग तक — मतलब “मिठा भी, कड़वा भी”!

कैबिनेट मिनिस्टर्स: अनुभवी और जोशीले चेहरों का संगम

मंत्री का नाम मुख्य विभाग
कन्हैयालाल देसाई वित्त, शहरी विकास
जितेंद्र वघानी कृषि, पशुपालन
ऋषिकेश पटेल ऊर्जा, पंचायत
बावलिया श्रम, कौशल विकास
अर्जुन मोढवाडिया वन, पर्यावरण
नरेश पटेल आदिवासी विकास
डॉ. वाझा शिक्षा (A to Z)
रमेश सोलंकी खाद्य, सिविल सप्लाई
स्वरूपजी ठाकोर खादी, कुटीर उद्योग
परसोतम सोलंकी मत्स्य पालन

और कई ऐसे नाम जिनके विभाग ऐसे हैं जैसे शादी में बंटते गिफ्ट – “जो बचा, वो मिल गया!”

राज्य मंत्री: स्वतंत्र प्रभार और जिम्मेदारी का कॉम्बो पैक

  • डॉ. मनीषा वकील – महिला एवं बाल विकास (स्वतंत्र प्रभार), यानि अब महिलाओं की आवाज़ सीधी मंत्रिमंडल तक।
  • ईश्वरसिंह पटेल – जल संसाधन, जो गुजरात की सूखी ज़मीन पर नम की उम्मीद जैसा है।
  • प्रफुल्ल पानसेरिया – हेल्थ मिनिस्ट्री, उम्मीद है Prescription में Politics नहीं लिखेंगे।

विभागों का बंटवारा या लकी ड्रॉ?

कुछ विभागों का बंटवारा देखकर जनता सोच में पड़ गई कि क्या ये विभाग “लकी डिप” से निकाले गए हैं?
कुछ मंत्रियों के पास शिक्षा + विज्ञान + तकनीक + प्राथमिक + माध्यमिक + उच्च + वयस्क शिक्षा — सब कुछ!
मतलब अगर कोई बच्चा प्ले स्कूल से निकलकर IIT जाए, तो एक ही मंत्री का टचपॉइंट रहेगा!

पर्यटन मंत्री के पास जेल भी!

अगर आप गुजरात घूमने आए और नियम तोड़े — तो उसी मंत्री की देखरेख में जेल में भी स्वागत होगा! ऐसा मल्टीटास्किंग शायद ही किसी देश में देखा गया हो!

गुजरात का ये नया मंत्रिमंडल अनुभव और ऊर्जा का दिलचस्प मिक्स है। जहां कुछ मंत्री “पहली बार मंत्री बने हैं”, वहीं कुछ को देखकर जनता सोच रही है — “ये तो पहले भी मंत्री थे, फिर से आ गए!”

जो भी हो, उम्मीद है कि ये मिक्स मसल पावर वाले मंत्री अपनी-अपनी जिम्मेदारियों में खरे उतरें और जनता की उम्मीदों पर खरा काम करें।

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