
अब वो दिन दूर नहीं जब घर खरीदना सिर्फ WhatsApp स्टेटस नहीं, “Booked!” वाला रियल स्टेटस होगा। GST काउंसिल के हालिया रिफॉर्म्स से रियल एस्टेट सेक्टर को बड़ी राहत मिल सकती है।
सीमेंट, स्टील और टाइल्स जैसी मटीरियल पर GST दरें घटाई जा सकती हैं और साथ में इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की बहाली भी हो रही है – यानी बिल्डरों की भी आंखों में नमी और buyers की आंखों में चमक!
सीमेंट से सस्ता सपना – बिल्डिंग मटीरियल पर कम टैक्स
अब तक सीमेंट पर 28% और स्टील पर 18% GST लगता था, लेकिन बिल्डर्स को इन पर ITC नहीं मिलता था।
नतीजा? घर महंगे, सपने अधूरे।
लेकिन अब सरकार के प्रस्तावित सुधारों से निर्माण लागत में 6-8% की कटौती संभव है। इसका सीधा असर घरों की कीमत पर पड़ेगा –
2BHK फ्लैट 3-5 लाख सस्ता
बड़े घर 6-8 लाख तक सस्ते
एक तरह से कहिए कि “बजट फ्रेंडली EMI अब आपकी पहुंच में है।”
“बस EMI देनी है, Kidney नहीं!” – खरीदारों की राहत की सांस
GST सुधारों से जहां बिल्डर खुश, वहीं होम बायर्स भी गदगद। पहले जो 50 लाख का घर दिखता था, वो बैंक बैलेंस देख कर गायब हो जाता था। अब कीमतों में अनुमानित 10% की गिरावट से आम आदमी का ‘Dream Home’ Mission पूरा हो सकता है।
रियल एस्टेट नहीं, इकोनॉमी का इंजन है ये सेक्टर
“Real estate is not just about bricks, it’s about livelihoods,”
कहते हैं एक्सपर्ट्स।
रियल एस्टेट से 200+ इंडस्ट्रीज़ जुड़ी हैं – स्टील, सीमेंट, प्लंबर, पेंटर से लेकर इंटीरियर डिज़ाइनर तक।
GST सुधारों से न सिर्फ कीमतें कम होंगी, बल्कि
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रोजगार बढ़ेगा
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निवेश बढ़ेगा
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अफोर्डेबल हाउसिंग को मिलेगा बूस्ट

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और सरकार को वोट्स… सॉरी, विश्वास मिलेगा!
GST सुधार से NCR समेत देश भर में ‘Multiplayer Effect’
क्रेडाई वेस्ट यूपी के अध्यक्ष दिनेश गुप्ता के अनुसार –
“GST में 5-10% की कटौती और ITC बहाली से प्रोजेक्ट लागत 7-8% घटेगी। इससे बिक्री में 15-20% की तेजी संभव है।”
और जब NCR हिलेगा, तो बाकी भारत थिरकेगा – ऐसा है रियल एस्टेट का रूटीन।
सिर्फ टैक्स कम नहीं, पारदर्शिता ज़रूरी है भाई!
निराला वर्ल्ड, SKB ग्रुप, रेन्क्स, डिजिलेंट बिल्डर्स – सभी ने कहा कि
“अगर ITC बहाल हो गया और टैक्स स्लैब कम हुए, तो रियल एस्टेट सेक्टर को सिर्फ राहत नहीं, रफ्तार भी मिलेगी।”
अल्ट्रा-लग्ज़री होम बायर्स का दिल टूटा, इंटीरियर का टैक्स बढ़ा
जहां मिडिल क्लास होम बायर्स खुश हैं, वहीं गुरुग्राम के हाई-फाई लोग दुखी हैं। इंटीरियर पर 28% से बढ़कर 40% GST – यानि “सस्ते घर तो मिलेंगे, लेकिन सजाना पड़ेगा DIY YouTube ट्यूटोरियल से।”
होमग्राम के गौरव सोबती कहते हैं –
“5 करोड़ के अपार्टमेंट में 1 करोड़ के इंटीरियर पर अब 12 लाख टैक्स एक्स्ट्रा देना पड़ेगा।”
फिर लोग कहेंगे – भाई, घर में पैसा डाला है या टैक्स के तंदूर में झोंक दिया?
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