ब्रिटिश भी घुटने टेक गए Gorkha के सामने – अब मिलेगा Memorial का मेला

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

जहां गोरखा सैनिकों के जयघोष से दुश्मन कांप उठते हैं, वहीं अब उनके शौर्य और बलिदान की कहानी गोरखपुर की मिट्टी में और गहराई से गूंजेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखा युद्ध स्मारक और संग्रहालय के भव्य सौंदर्यीकरण और विस्तार कार्य का शिलान्यास किया। इस स्मारक की खास बात? सिर्फ ईंट-पत्थर नहीं, इसमें शामिल है वह इतिहास जिसे ब्रिटिश भी भुला नहीं पाए!

ब्रिटिश झुके, गोरखा डटे रहे – इतिहास दोहराया योगी ने

कार्यक्रम के मंच से सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ शब्दों में कहा — “ब्रिटिश भी गोरखा सैनिकों का सामना नहीं कर सके, और उन्हें संधि करनी पड़ी!”
1816 का गोरखा-ब्रिटिश युद्ध भारत के इतिहास में वो अध्याय है, जिसमें एक ओर थी उपनिवेशवादी ताकत, और दूसरी ओर गोरखा वीर, जिनके पास था केवल हौसला, हथियार नहीं। लेकिन वही हौसला आज हमें एक भव्य स्मारक की प्रेरणा दे गया।

मंत्रोच्चार, मां काली की पूजा और वीरता की गाथा

भूमिपूजन कोई साधारण कार्यक्रम नहीं था — वैदिक मंत्रोच्चार से वातावरण गूंज उठा। सीएम योगी ने मां काली के मंदिर में पूजा-अर्चना की और गोरखा रेजीमेंट की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हुए एक लघु फिल्म भी प्रस्तुत की गई। गोरखा जवानों का पारंपरिक नृत्य और गीत देखकर दर्शकों की आंखें नम और सीना गर्व से चौड़ा हो गया।

गोरखा वीर नारियों को मिला सम्मान – ‘कलम आज उनकी जय बोल’

सीएम योगी ने शहीद सैनिकों की वीर पत्नियों को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया और रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियों से उन्हें श्रद्धांजलि दी — “जला अस्थियाँ बारी-बारी, चिटकाई जिनमें चिंगारी…”
यह सिर्फ सम्मान नहीं था, यह उस परंपरा की याद थी, जो कहती है कि गोरखा रेजीमेंट केवल सैनिक नहीं, इतिहास की रचना करती है।

स्मारक नहीं, इतिहास का डिजिटल री-प्ले होगा ये संग्रहालय

यह नया संग्रहालय 45 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगा, जिसमें होंगे:

  • गोरखा रेजीमेंट के पुराने यूनिफॉर्म

  • ऐतिहासिक हथियार और युद्ध तकनीकों की डिजिटल प्रस्तुति

  • 7D थिएटर

  • लाइट एंड साउंड शो

  • म्यूरल पेंटिंग और डॉक्यूमेंट्री

यानी सिर्फ देखना नहीं, महसूस करना होगा शौर्य को।

‘जय महाकाली, आयो गोरखाली’ – सिर्फ नारा नहीं, दुश्मनों के लिए चेतावनी!

सीएम योगी बोले — जब सेना के शौर्य की बात होती है, तो गोरखा सैनिकों का नाम सबसे ऊपर आता है। युद्धभूमि में उनका नारा नहीं, ध्वनि-प्रहार होता है।
1816 में ब्रिटिश सेना भी झुकी थी, और उसके बाद गोरखा सैनिकों ने अंग्रेजों की ही सेना में बहादुरी से काम किया। आज भी भारत की सीमाओं पर वे डटे हैं — बर्फ में, गर्मी में, मौत की आंखों में आंखें डालकर।

अग्निवीरों के लिए खुशखबरी – यूपी पुलिस में 20% आरक्षण

सीएम योगी ने अग्निवीर योजना से लौटने वाले युवाओं के लिए यूपी पुलिस में 20 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा दोहराई।
यानी, अब सेना से वापसी के बाद भी सेवा का मौका – पुलिस फोर्स के रूप में मिलेगा।
“सेना के बाद सेवा का अगला पड़ाव – पुलिस की वर्दी में राष्ट्रभक्ति” – यही है यूपी का विज़न।

सीडीएस जनरल अनिल चौहान की मौजूदगी – एकता की मिसाल

Chief of Defence Staff (CDS) जनरल अनिल चौहान की उपस्थिति इस बात का प्रमाण थी कि ये कार्यक्रम केवल राजनीतिक शो नहीं, बल्कि सेना और सरकार के बीच सिविल-मिलिट्री फ्यूजन का प्रतीक है।
उन्होंने इस स्मारक को तीन महत्वपूर्ण कारणों से विशेष बताया:

  1. गोरखा सैनिकों और भारतीय सेना के अटूट संबंध

  2. उनकी सदियों पुरानी सेवा और बलिदान

  3. भारत-नेपाल के रिश्तों को मजबूती

स्मारक बनेगा भविष्य की प्रेरणा – युवाओं में बढ़ेगा सेना के प्रति आकर्षण

सीएम योगी बोले – गोरखपुर में स्थापित यह युद्ध स्मारक गोरखा रेजीमेंट के शौर्य की आवाज़ को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएगा।
यह सिर्फ ईंट-पत्थर नहीं, देशभक्ति की डिजिटल पाठशाला होगी, जो युवाओं को राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करेगी।
गोरखपुर में नया सैनिक स्कूल भी स्थापित हो रहा है – यानि अब “गोरखा गौरव + आधुनिक शिक्षा = भारत का भविष्य”।

संग्रहालय में क्या होगा खास?

फ़ीचर विवरण
7D थिएटर युद्ध अनुभव को इमर्सिव बनाता है
 म्यूरल पेंटिंग शौर्यगाथा को कलात्मक रूप
 डॉक्यूमेंट्री गोरखा इतिहास पर आधारित फिल्में
 लाइट एंड साउंड शो वीरता की कहानियों का डिजिटल लाइव अनुभव

शौर्य की परंपरा को मिला नया मुकाम

भारत के इतिहास में गोरखा रेजीमेंट एक ऐसी इकाई है, जिसे देखकर दुश्मन डरते हैं और देशवासी गर्व करते हैं।
सीएम योगी का यह कदम सिर्फ स्मारक का निर्माण नहीं, बल्कि राष्ट्रीय चेतना के निर्माण की ईंट है।
जहां शहीदों को श्रद्धा मिलेगी, वहीं आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा।

क्योंकि इतिहास केवल किताबों में नहीं होना चाहिए, वह दीवारों पर जिंदा होना चाहिए।

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