चुनाव से पहले नोटों का रेल-यात्रा! वैशाली एक्सप्रेस से पकड़े गए एक करोड़

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर गुरुवार देर रात जीआरपी को बड़ी सफलता मिली, जब नियमित चेकिंग के दौरान वैशाली एक्सप्रेस से एक युवक पकड़ा गया — और उसके बैग से निकल आए नोटों के बंडल पर बंडल!

गिनती हुई तो रकम निकली करीब ₹1 करोड़। जीआरपी के मुताबिक, यह रकम बिहार के मोकामा पहुंचाई जानी थी, जहां चुनावी सरगर्मी जोरों पर है।

कौन है यह कैश-करियर युवक?

युवक ने खुद को मुकुंद माधव, निवासी मोकामा, जिला पटना बताया। पूछने पर उसने कहा — “मैं किसी परिचित के कहने पर नकदी लेकर जा रहा था…”

लेकिन “परिचित कौन?”
इस सवाल पर साहब की चुप्पी ऐसी थी जैसे ट्रेन नो-सिग्नल पर खड़ी हो। रकम का स्रोत, गंतव्य और मकसद — तीनों पर सस्पेंस बरकरार है।

जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त कार्रवाई

चुनाव के मद्देनजर रेलवे में सुरक्षा एजेंसियां एक्स्ट्रा अलर्ट मोड पर हैं। इसी दौरान, एसी कोच के पास संदिग्ध हरकत दिखी तो तलाशी में एक करोड़ की नकदी बरामद हो गई। रेलवे सीओ विनोद कुमार सिंह ने बताया:

“युवक नकदी के स्रोत का संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। रकम सीज कर दी गई है और आयकर विभाग को सूचना भेज दी गई है।”

आयकर विभाग और खुफिया एजेंसियां अलर्ट

मामला अब आयकर विभाग और खुफिया एजेंसियों तक पहुंच चुका है। प्रारंभिक जांच में शक जताया जा रहा है कि यह रकम हवाला नेटवर्क का हिस्सा हो सकती है — जिसे बिहार विधानसभा चुनाव में “काले धन” के रूप में इस्तेमाल किया जाना था।

जीआरपी अब यह भी खंगाल रही है कि युवक किन लोगों से संपर्क में था और पैसे की असली मंज़िल कौन थी।

चुनावी माहौल में बढ़ी सरगर्मी

यह बरामदगी उस समय हुई है जब बिहार में चुनावी माहौल गर्म है। ऐसे में गोरखपुर जीआरपी की कार्रवाई को “काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक” कहा जा रहा है।

अब सवाल यह है — क्या यह युवक सच में “डिलीवरी बॉय” था या काले धन का फ्लाइंग एजेंट?
और अगर ऐसा है, तो अगली बार शायद “नोटबंदी एक्सप्रेस” नाम की नई ट्रेन चलानी पड़े!

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