
ग़ज़ा संकट में शांति की उम्मीद की एक नई किरण जगी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सीज़फ़ायर और बंधकों की रिहाई की अपील के बाद, क़तर और हमास — दोनों ने इस पहल का समर्थन किया है।
क़तर ने कहा – “सीज़फ़ायर का समय आ गया है”
क़तर ने अपने बयान में ट्रंप की शांति अपील का स्वागत करते हुए कहा:
“हम राष्ट्रपति के उन बयानों का समर्थन करते हैं, जिनमें उन्होंने बंधकों की सुरक्षित और शीघ्र रिहाई के लिए तत्काल सीज़फ़ायर का आह्वान किया है।”
साथ ही, क़तर ने बताया कि उसने मध्यस्थता प्रयासों को फिर से शुरू करने के लिए अमेरिका और मिस्र के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया है।
हमास भी बोला – “बातचीत को तैयार”
हमास ने भी इस पहल को “प्रोत्साहित करने वाला” बताते हुए सकारात्मक संकेत दिया है। BBC से बात करते हुए, हमास प्रवक्ता ने कहा:
“हम क़ैदियों की अदला-बदली, जंग को ख़त्म करने और कब्ज़े वाले इलाक़े की वापसी सुनिश्चित करने के लिए तुरंत बातचीत शुरू करने को तैयार हैं।”
ट्रंप की रणनीति: शांति, रिहाई और राजनयिक बढ़त
राष्ट्रपति ट्रंप की यह रणनीति सिर्फ मध्य-पूर्व में तनाव कम करने की कोशिश नहीं है, बल्कि यह अमेरिकी राजनयिक प्रभाव को फिर से स्थापित करने का प्रयास भी मानी जा रही है। बंधकों की सुरक्षित रिहाई और स्थायी सीज़फ़ायर पर ज़ोर देकर, ट्रंप ने एक बार फिर इस जटिल मुद्दे में अमेरिका की केंद्रीय भूमिका तय की है।
मध्य-पूर्व शांति की ओर बढ़ते कदम?
यह ताज़ा घटनाक्रम इस ओर संकेत करता है कि अब ग़ज़ा संघर्ष के सभी पक्ष बातचीत की टेबल पर आने को इच्छुक हैं।
जहां एक तरफ क़तर और मिस्र जैसे देश डिप्लोमैटिक चैनल्स के ज़रिए मध्यस्थता कर रहे हैं, वहीं हमास भी पॉज़िटिव टोन में प्रतिक्रिया दे रहा है।
क्या यह शांति की दिशा में पहला ठोस कदम है? यह आने वाले दिनों में साफ़ हो जाएगा।
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