
लखनऊ से आई एक बड़ी ख़बर ने यूपी की ब्यूरोक्रेसी और पॉलिटिकल सर्कल दोनों में हलचल मचा दी है।
पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति से जुड़ी जेल विभाग की रिपोर्ट पर अब मुख्यमंत्री कार्यालय ने सीधे कार्रवाई का आदेश जारी किया है।
क्या है पूरा मामला?
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा संचालित Integrated Grievance Redressal System (IGRS) पर शिकायत संख्या 60000250235301 दर्ज की गई थी।
इसमें आरोप लगाया गया कि गायत्री प्रजापति, जो वर्तमान में लखनऊ जेल में बंद हैं, उन्हें कथित रूप से विशेष सुविधा या VIP ट्रीटमेंट दिया जा रहा है।
इस पर जेल प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसे अब मुख्यालय कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं ने गंभीरता से लिया है।
चिकित्सकीय सुविधा पर भी उठे सवाल
रिपोर्ट के अनुसार, गायत्री प्रजापति को 30 सितंबर 2025 तक संजय गांधी स्नातकोत्तर चिकित्सालय (SGPGI) में उपचार के बाद जेल भेजा गया। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि जेल प्रशासन द्वारा सभी मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन किया गया, पर सरकार ने फिर भी जांच के निर्देश दिए हैं ताकि किसी भी विशेष सुविधा या लापरवाही की स्थिति स्पष्ट हो सके।
योगी सरकार ने क्यों लिया एक्शन?
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह साफ किया है कि — “कोई भी व्यक्ति, चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो, जेल में VIP सुविधाएं नहीं पाएगा।”

मुख्यालय ने सभी संबंधित अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट 01 अक्टूबर 2025 तक मांगी है। साथ ही कहा गया है कि यदि किसी स्तर पर अनुशासनहीनता या मिलीभगत पाई जाती है, तो सख्त दंडात्मक कार्रवाई होगी।
क्या बोले जेल अधिकारी?
जेल अधिकारियों का कहना है कि — “गायत्री प्रजापति को किसी प्रकार की अतिरिक्त सुविधा नहीं दी गई। उपचार पूरी तरह चिकित्सकीय सलाह के अनुसार किया गया।”
फिर भी, मुख्यमंत्री कार्यालय ने मामले की रीव्यू रिपोर्ट तैयार करने को कहा है ताकि किसी तरह का भ्रम या आरोप न रह जाए।

