लखनऊ। खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की पांच टीमों ने लखनऊ में एक साथ पांच सेक्सोलॉजिस्ट क्लीनिकों पर छापेमारी की। छापेमारी से क्लीनिकों में भगदड़ मच गई। कई जगह हंगामा हुआ। वहीं, छापेमारी की भनक लगते ही शहर के दूसरे सेक्सोलॉजिस्ट क्लीनिक संचालकों में हड़कंप मच गया। कई डॉक्टर क्लीनिक बंद कर भाग गए।
यहां आयुर्वेद के नाम पर मरीजों को स्टरॉइड व एलोपैथिक दवाएं वेची जा रही थी। टीम ने जांच के लिए दवा के नमूने एकत्र किए है। आईजीआरएस पोर्टल पर 18 फरवरी को शिकायतें आई थीं, जिसमें कहा गया था कि शहर के पांच सेक्सोलॉजिस्ट आयुर्वेद के नाम पर मरीज़ों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे है । आयुर्वेद में स्टाइड व एलोपैथिक दवाएं मिलाकर वेच रहे है।
शासन ने इस मामले में कार्रवाई के आदेश दिए थे। इसके लिए गैर जनपद की पांच टीमें गठित की गई। एक साथ पांचों क्लीनिकों में छापेमारी की।उपलब्ध दवा के नमूने सुरक्षित किए गए। वासमंडी स्थित डॉ. पीके जैन की क्लीनिक की भी जांच हुई। टीम ने यहां से भी दवा के नमूने एकत्र किए। लालकुआं स्थित राणा डिस्पेंसी और चारवाग पानदरीवा स्थित डॉ. ताज की क्लीनिक में भी छापेमारी की गई।
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सहायक आयुक्त व्रजेश कुमार ने बताया कि क्लीनिक में उपलब्ध दवा पर कोई फार्मूला नहीं लिखा था, केवल दवा का नाम लिखा था। शायद यह दवा स्थानीय स्तर पर तैयार की जाती है। यह जांच का विषय है। क्लीनिक संचालकों ने स्टोराइड व एलोपैथिक दवा की मिलावट से इनकार किया है। सहायक आयुक्त ने बताया कि एक टीम हजरतगंज किया। टीम ने सभी क्लीनिकों से 10 नमूने एकत्र किए।