
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी FATF, दुनिया का वो “फाइनेंशियल टीचर” है जो साल में तीन बार अपनी मार्कशीट निकालता है — और फिर देखता है किसने मनी लॉन्ड्रिंग का होमवर्क किया, किसने नहीं।
जिन देशों के नंबर कम आते हैं, उन्हें FATF अपनी ब्लैक लिस्ट या ग्रे लिस्ट में डाल देता है — एक तरह से फेल बच्चों की लिस्ट!
ब्लैक लिस्ट: तीन देशों की ‘डिटेंशन क्लास’
FATF की ब्लैक लिस्ट में इस बार भी सिर्फ तीन बदनाम छात्र हैं — ईरान, म्यांमार और नॉर्थ कोरिया।
तीनों देशों ने FATF का एक्शन प्लान लागू करने से साफ इंकार कर दिया है।
- नॉर्थ कोरिया: टेरर फाइनेंसिंग से लेकर मिसाइल फंडिंग तक “डार्क वेब” का चैंपियन।
- ईरान: 2018 से होमवर्क पेंडिंग, अब तक सबमिट नहीं किया।
- म्यांमार: 2021 के तख्तापलट के बाद “कॉपी चेक करवाने वाला” भी नहीं मिला।
और जब आप ब्लैक लिस्ट में जाते हैं, तो दुनिया कहती है — “No loans, No trade, No trust.”
वैश्विक बैंक आपके ट्रांजैक्शन को ऐसे टाल देते हैं जैसे रिश्तेदार शादी में “कॉल करेंगे” कहकर गायब हो जाते हैं।
ग्रे लिस्ट: 23 देशों की ‘सस्पेंस क्लास’
अब आते हैं ग्रे लिस्ट पर — यानी “Warning Zone”। यहां वे देश आते हैं जो सुधार का वादा तो करते हैं लेकिन काम “थोड़ा कल, थोड़ा परसों” की स्टाइल में करते हैं।
इस लिस्ट में 23 देश हैं, जिनमें नामीबिया से लेकर नेपाल तक सब शामिल हैं।
इनमें शामिल देश हैं:
अल्जीरिया, अंगोला, बोलिविया, बुर्किना फासो, कैमरून, कोटे डी’इवोयर, D.R. कांगो, हैती, जमैका, लाओस, लेबनान, माली, मोनाको, मोजाम्बिक, नामीबिया, नेपाल, फिलिस्तीन, दक्षिण सूडान, सीरिया, तंजानिया, वेनेजुएला, वियतनाम और यमन।
ये देश ब्लैक लिस्ट की “वेटिंग लिस्ट” में हैं — यानी “अभी चेतावनी है, सस्पेंशन बाद में।”
हालांकि पाकिस्तान, जो 2022 में FATF की ‘फेवरेट’ ग्रे लिस्ट में था, अब “सुधर गया बच्चा” बनकर बाहर आ चुका है।

ब्लैक लिस्ट का असर: बैंक बोले ‘भाई पहले KYC करा लो’
ब्लैक लिस्ट में आने का मतलब है — विदेशी निवेशक भागते हैं, बैंक कर्ज देना बंद कर देते हैं और देश की करेंसी भी कहती है — “मुझे बचाओ।”
जैसे नॉर्थ कोरिया पर UN के प्रतिबंध हैं, ईरान पर अमेरिका समेत कई देशों ने सख्ती की है, और म्यांमार पर तो लगभग हर संस्था “Avoid Contact” का बोर्ड लगा चुकी है।
FATF अपडेट कैलेंडर
FATF साल में तीन बार अपनी लिस्ट अपडेट करता है — फरवरी, जून और अक्टूबर। तो हर बार दुनिया के देश ऐसे नतीजों का इंतजार करते हैं जैसे बोर्ड रिजल्ट का।
मनी लॉन्ड्रिंग से ज्यादा मुश्किल है इमेज लॉन्ड्रिंग!
दुनिया के कई देश अभी भी “मनी लॉन्ड्रिंग” को अपने GDP का हिस्सा मानते हैं, लेकिन FATF का संदेश साफ है — “Clean Money, Clean Image.” और अगर आपने ये क्लास मिस की… तो अगली रिपोर्ट में आपका भी नाम “ब्लैक बुक” में हो सकता है!
