“Car थी यूनिवर्सिटी में या यूनिवर्सिटी कार में? पुलिस बोली – फेक है खबर!”

अजमल शाह
अजमल शाह

दिल्ली ब्लास्ट के बाद सोशल मीडिया पर खूब अफ़वाहें उड़ रही थीं — किसी ने कहा कार अल-फ़लाह यूनिवर्सिटी में खड़ी थी, तो किसी ने सीधा लिंक जोड़ दिया। लेकिन अब फ़रीदाबाद पुलिस ने इन सभी “क्रिएटिव न्यूज़” पर फुलस्टॉप लगा दिया है।

नहीं, कार का यूनिवर्सिटी से कोई कनेक्शन नहीं!

फ़रीदाबाद पुलिस ने एक्स (Twitter) पर साफ कहा — “कुछ चैनल और प्लेटफॉर्म पर जो चल रहा है, वो गलत है। हमारी तरफ़ से कोई पुष्टि नहीं की गई है।”
यानि सस्पेंस तो बना रहेगा, लेकिन ये कहानी “वेरिफ़ाइड” नहीं है।

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यूनिवर्सिटी ने बयान जारी कर कहा – “हम घटना से दुखी हैं लेकिन कुछ लोग बिना जांच के आरोप लगा रहे हैं। दो डॉक्टरों को हिरासत में लिया गया है, लेकिन उनका यूनिवर्सिटी से सिर्फ़ प्रोफेशनल रिश्ता था।”
साफ है, यूनिवर्सिटी ने ‘नो ब्लास्ट, ओनली क्लास’ मोड ऑन कर दिया है।

Fake न्यूज़ फैक्ट्री पर लगाम की मांग

यूनिवर्सिटी ने उन ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स पर भी तंज कसा जो “खबरों से ज़्यादा ख़बरदारी फैलाते हैं।” उन्होंने कहा, “किसी भी तरह का केमिकल या संदिग्ध सामग्री परिसर में नहीं रखी जाती।”
मतलब साफ — “Science पढ़ते हैं, science fiction नहीं बनाते।”

ब्लास्ट की जांच चल रही है, लेकिन अफ़वाहों का ब्लास्ट पहले ही हुआ पड़ा है। पुलिस और यूनिवर्सिटी दोनों ने कहा है — “चैनलों को चैन से रहना चाहिए।”

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