
देश की सेवा करने वाले हमारे पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए दिवाली 2025 कुछ खास होने जा रही है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि पूर्व सैनिकों को मिलने वाली वित्तीय सहायता में 100% की बढ़ोतरी की गई है।
इस ऐलान से न सिर्फ सैनिकों का हौसला बढ़ा है, बल्कि यह कदम सामाजिक सुरक्षा को भी और मज़बूत करेगा।
गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले पूर्व सैनिकों को राहत
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, गरीबी अनुदान को अब 4,000 रुपये से बढ़ाकर 8,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है।
इससे विशेष रूप से वे 65 वर्ष से अधिक आयु के, गैर-पेंशनभोगी पूर्व सैनिक और विधवाएं लाभान्वित होंगी, जिनकी कोई नियमित आय नहीं है।
बच्चों और विधवाओं को मिलेगा दुगुना शैक्षणिक अनुदान
अब दो बच्चों (कक्षा 1 से ग्रेजुएशन तक) या विधवाओं (जो दो वर्षीय कोर्स कर रही हों) को 1,000 की जगह 2,000 रुपये प्रति माह मिलेगा।
शिक्षा के क्षेत्र में ये बढ़ावा सीधे उन परिवारों की मदद करेगा जो सीमित संसाधनों में अपने बच्चों का भविष्य बनाना चाहते हैं।
बेटियों और विधवाओं के पुनर्विवाह के लिए अब मिलेगा ₹1 लाख
पूर्व सैनिकों की अधिकतम दो बेटियों या विधवा पुनर्विवाह के लिए मिलने वाला विवाह अनुदान 50,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 कर दिया गया है। यह नई दरें केवल 1 नवंबर 2025 से जमा किए गए आवेदनों पर लागू होंगी।

ये पैसा आएगा कहां से?
इस योजना का सालाना खर्च लगभग ₹257 करोड़ अनुमानित है, जिसे Armed Forces Flag Day Fund (AFFDF) से कवर किया जाएगा। यानी देश सेवा के लिए जुटाए गए सेवा भाव के फंड का उपयोग अब सही दिशा में हो रहा है।
क्या बदलेगा इससे?
गैर-पेंशनभोगी सैनिकों को आर्थिक सहारा
विधवाओं को शिक्षा और विवाह में मदद
सामाजिक सुरक्षा तंत्र में मजबूती
सैनिकों के परिवारों के लिए सम्मान और सहारा दोनों
इस दिवाली सरकार ने असली ‘दीप’ उन परिवारों के घरों में जलाया है, जिनके सपूतों ने सरहद पर रोशनी के लिए अंधेरे में जान दी।
यह कदम न केवल सराहनीय है, बल्कि नीति और नीयत दोनों का सशक्त उदाहरण भी है।
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