
अमेरिकी राजनीति में हमेशा अपने बयानों से हलचल मचाने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर सबको चौंका दिया है। उन्होंने कहा है कि “पाकिस्तान, रूस और चीन परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं, और अब अमेरिका भी ऐसा करेगा।”
ट्रंप ने यह बयान सीबीएस न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में दिया, जहां उनसे पूछा गया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर क्यों लिखा कि उन्होंने “डिपार्टमेंट ऑफ वॉर” को न्यूक्लियर टेस्ट शुरू करने का आदेश दिया है।
“हमारे पास सबसे ज़्यादा न्यूक्लियर हथियार हैं” — ट्रंप
ट्रंप ने कहा, “हमारे पास इतने परमाणु हथियार हैं कि दुनिया को 150 बार तबाह कर सकते हैं। रूस और चीन भी पीछे नहीं हैं। लेकिन हमें टेस्टिंग करनी ही होगी, ताकि हम देख सकें कि ये काम कैसे करते हैं।”
पत्रकार ने जब पूछा कि अमेरिका को इसकी ज़रूरत क्यों है, तो ट्रंप ने जवाब दिया, “क्योंकि बाकी सब कर रहे हैं — रूस, चीन, नॉर्थ कोरिया, यहां तक कि पाकिस्तान भी। फिर हम क्यों पीछे रहें?”
“अब अमेरिका अकेला नहीं रहेगा”
ट्रंप ने कहा कि वह नहीं चाहते कि अमेरिका “अकेला देश” बना रहे जो टेस्टिंग नहीं कर रहा। “दूसरे टेस्ट कर रहे हैं और चुप हैं। हम भी करेंगे और दुनिया को बताएंगे।”
पत्रकार ने टोका कि “अभी तो सिर्फ नॉर्थ कोरिया टेस्ट कर रहा है।”
ट्रंप बोले, “नहीं, रूस और चीन भी कर रहे हैं — बस वो बताते नहीं हैं।”

सियासी धमाका और डिप्लोमैटिक झटका
ट्रंप के इस बयान के बाद वैश्विक हलकों में हलचल मच गई है। अगर अमेरिका वाकई 30 साल बाद फिर से न्यूक्लियर टेस्ट शुरू करता है, तो यह परमाणु हथियारों की दौड़ को और तेज़ कर सकता है।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह बयान चुनावी पिच पर ‘फायरवर्क’ जैसा है — जिसमें डर, ताकत और डिप्लोमैटिक ड्रामा तीनों शामिल हैं।
ट्रंप का स्टाइल ही ऐसा है — बोलो ऐसा कुछ कि न्यूज़ रूम और न्यूक्लियर रिएक्टर दोनों गरम हो जाएं! अगले ट्वीट में शायद वो लिखें — “Make Nukes Great Again!”
