डेंगू से डरें नहीं, सतर्क रहें! गोरखपुर में जागरूकता की बाढ़, मच्छरों की हार तय

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर पूरे गोरखपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से जनजागरूकता को लेकर विविध कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। इनका उद्देश्य था—डेंगू के खिलाफ डर नहीं, बल्कि जानकारी और सतर्कता को हथियार बनाना।

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ राजेश झा, मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह और मंडलीय कीट विज्ञानी डॉ वीके श्रीवास्तव ने एक संगोष्ठी में भाग लेते हुए बताया कि डेंगू एक वायरल मच्छर जनित रोग है, जो अब पूरे साल किसी भी मौसम में हो सकता है। इसकी रोकथाम सिर्फ दवा से नहीं, जागरूकता और स्वच्छता से संभव है।

डॉ झा ने कहा, “डेंगू का मच्छर दिन में काटता है और बेहद कम साफ पानी में पनप सकता है। सावधानी ही इसका सबसे प्रभावी इलाज है।”

दूसरी बार संक्रमण हो सकता है ज्यादा खतरनाक

डॉ वीके श्रीवास्तव ने आगाह किया कि जो लोग पहले डेंगू की चपेट में आ चुके हैं, उन्हें विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। दूसरी बार संक्रमण न सिर्फ गंभीर होता है, बल्कि लंबा भी चलता है। इसलिए शुरुआती लक्षण दिखने पर जल्द चिकित्सकीय सलाह लें।

जांच और इलाज: घर पर भी संभव, पर देर न करें

स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण डेंगू की ओर इशारा कर सकते हैं। समय से इलाज होने पर अधिकतर मरीज घर पर ही स्वस्थ हो जाते हैं। सभी सरकारी अस्पतालों में डेंगू जांच की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध है।

स्कूल-कॉलेजों में निकाली गई रैलियां, हुई संगोष्ठियां

  • भगवती प्रसाद कन्या महाविद्यालय में संगोष्ठी व रैली आयोजित हुई, जिसमें मलेरिया निरीक्षक प्रभात रंजन सिंह और रवि मल्ल शामिल रहे।

  • सेंट एंड्रयूज इंटर कॉलेज, शास्त्री नगर में राहुल सिंह और आस्तिक पांडेय द्वारा जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया।

  • एडी गर्ल्स इंटर कॉलेज में सिद्धेश्वरी सिंह, पूजा गुप्ता और शिक्षकों ने मिलकर डेंगू से बचाव की जानकारी दी।

CMO ने दिए बचाव के आसान सुझाव

  • पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें

  • घर, ऑफिस, दुकान पर कहीं भी साफ पानी जमा न होने दें

  • कूलर, गमले, एसी, नारियल के खोल आदि को नियमित साफ करें

  • लक्षण दिखते ही डॉक्टर से मिलें, खुद दवा न लें

गोरखपुर में डेंगू से लड़ाई का संदेश साफ है—डर नहीं, जागरूकता और बचाव ही है समाधान। राष्ट्रीय डेंगू दिवस के बहाने उठाया गया यह कदम जनस्वास्थ्य को लेकर सरकार की सक्रियता और संवेदनशीलता का परिचायक है।

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