
कहते हैं कि गंगा नहाने से पाप धुल जाते हैं। लेकिन कुछ पाप ऐसे होते हैं जो पुलिस स्टेशन में ही धुलते हैं। डर्टी बाबा चैतन्यानंद सरस्वती का केस भी कुछ ऐसा ही है।
आगरा के ताजगंज के एक होटल से 3:30 AM पर हुई गिरफ्तारी, और बाबा का अध्यात्मिक चोला तार-तार।
कोर्ट से झटका, पुलिस से झपटा
पटियाला हाउस कोर्ट से जैसे ही अग्रिम जमानत खारिज हुई, दिल्ली पुलिस की टीमों ने बाबा को GPS से ट्रैक कर लिया।
Lookout Circular तो पहले ही जारी था। अब बाबा की ‘मुक्ति’ पुलिस स्टेशन के AC रूम में होगी, ना कि किसी आश्रम में।
ट्रस्ट के नाम पर ट्रिक — 20 करोड़ का घोटाला
बाबा ने सिर्फ ‘आशीर्वाद’ नहीं बांटे — बल्कि 20 करोड़ के फंड और संस्थान की जमीन भी अपने ट्रस्ट में ट्रांसफर कर ली।
“श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट” की बेशकीमती जमीन, ट्रस्ट के नाम पर हड़प ली गई।
और इसमें शामिल थे:
नकली ट्रस्ट की रजिस्ट्री। फर्जी अकाउंटिंग। करीब 60 लाख कैश विदड्रॉल जुलाई 2025 में EWS स्कॉलरशिप का दुरुपयोग
ट्रस्ट तो बना दिया, अब ट्रस्ट कौन करे?
17 छात्राएं, एक ‘डर्टी’ बाबा – सच्चाई जो रुला दे
बाबा की आध्यात्मिकता का स्तर वहीं था, जहां उनका नैतिक पतन – आश्रम में बुलाकर छात्राओं से छेड़छाड़।

पीड़िताएं थीं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की, जिन्हें स्कॉलरशिप के नाम पर ‘धर्मगुरु’ के चंगुल में फंसाया गया।
धर्म का चोला, और नीचता का खेल। छात्राओं ने बताया कि धमकियां, गुप्त बुलावे, और शारीरिक शोषण की घटनाएं महीनों से चल रही थीं।
तीन FIR, IPC की कई धाराएं – लेकिन बाबा अब साधु नहीं, बंदी है
दिल्ली पुलिस ने 19 सितंबर 2025 को तीन FIR दर्ज कीं धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, और यौन अपराधों से जुड़े कानून
आश्रम नहीं, अब जेल में ‘ध्यान’
अब अगला प्रवचन तिहाड़ जेल से होगा – “कैसे मैंने लोगों का ट्रस्ट जीता, और फिर लूटा!”
अब प्रवचन होगा “कैसे स्वामी से स्कैमस्टर बना”।
सबक क्या है?
फर्जी आध्यात्मिक गुरुओं की Netflix Documentary से बाहर निकलकर, अब Delhi Police Originals का वक्त है। धर्मगुरु के नाम पर जब कोई स्कॉलरशिप छीन ले, शरीर को लूट ले, और ट्रस्ट से ट्रिक कर जाए, तो समझो समाज को पुनः चैतन्य होना होगा।
उन 39 मासूम जानों को श्रद्धांजलि दे सकते हैं, जो अपने हीरो को सुनने आए थे
