
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की एक सोशल मीडिया पोस्ट ने देश की राजनीति में हलचल मचा दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 1990 के दशक की एक दुर्लभ तस्वीर साझा करते हुए RSS और BJP के संगठनात्मक ढांचे की खुलकर तारीफ की है।
सबसे दिलचस्प बात यह रही कि इस पोस्ट में दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और जयराम रमेश को टैग किया—जिसे कांग्रेस आलाकमान के लिए एक सीधा संदेश माना जा रहा है।
Quora Screenshot से उठा सियासी तूफान
दिग्विजय सिंह द्वारा साझा किया गया यह पोस्ट Quora के एक स्क्रीनशॉट पर आधारित है। तस्वीर में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी मंच पर बैठे नजर आते हैं, जबकि युवा नरेंद्र मोदी उनके पास फर्श पर बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं।
इसी तस्वीर को आधार बनाकर दिग्विजय सिंह ने लिखा— कैसे RSS का एक जमीनी स्वयंसेवक नेताओं के चरणों में बैठकर पहले मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री बन जाता है, यह संगठन की शक्ति दर्शाता है।”
पोस्ट के अंत में लिखा गया “जय सिया राम” भी राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया।
कांग्रेस आलाकमान को क्या संदेश?
यह पोस्ट सिर्फ तारीफ नहीं बल्कि कांग्रेस की संगठनात्मक कमजोरी पर तंज भी हो सकता है। जिस तरह RSS अपने कैडर को ऊपर तक पहुंचाता है, उसी मॉडल की ओर कांग्रेस नेतृत्व का ध्यान खींचने की कोशिश मानी जा रही है।

विवाद बढ़ा तो आई सफाई
पोस्ट वायरल होने और विवाद गहराने के बाद दिग्विजय सिंह ने सफाई दी। उन्होंने कहा— “मैं RSS और नरेंद्र मोदी का घोर विरोधी हूं। मैं केवल संगठन की मजबूती की बात कर रहा हूं, न कि उनकी विचारधारा की।”
BJP का राहुल गांधी पर पलटवार
इस पूरे मामले पर BJP ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। भाजपा प्रवक्ता CR केसवन ने राहुल गांधी को घेरते हुए कहा— “क्या राहुल गांधी इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देने का साहस दिखाएंगे? यह पोस्ट कांग्रेस की तानाशाही और गैर-लोकतांत्रिक कार्यशैली को उजागर करती है।”
BJP का दावा है कि यह पोस्ट कांग्रेस नेतृत्व की असहज सच्चाई सामने ले आया है।
एक तस्वीर, कुछ शब्द और टैग किए गए नाम— लेकिन असर ऐसा कि कांग्रेस, BJP और सोशल मीडिया तीनों में भूचाल आ गया।
अब सवाल यही है— क्या दिग्विजय सिंह ने अनजाने में सच बोल दिया? या यह कांग्रेस को आईना दिखाने की रणनीति थी?
Santa नहीं आए Dalal Street! बाजार में सिर्फ Sell-Sell
