
नेपाल में जेनरेशन Z (Gen Z) द्वारा किए गए हालिया विरोध प्रदर्शनों ने न केवल वहां की सरकार को हिला दिया, बल्कि भारत की सुरक्षा एजेंसियों को भी सचेत कर दिया है।
दिल्ली पुलिस अब इसी तरह की संभावित स्थिति से निपटने के लिए सुनियोजित रणनीति पर काम कर रही है।
दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने दिए निर्देश: तीन यूनिट्स को सौंपा गया जिम्मा
पुलिस कमिश्नर सतीश गोलचा ने राजधानी में किसी भी अप्रत्याशित जन आंदोलन से निपटने के लिए
तीन प्रमुख यूनिट्स को एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं:
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इंटेलिजेंस ब्रांच
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ऑपरेशन यूनिट
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दिल्ली सुरक्षा बल
इन यूनिट्स को भीड़ नियंत्रण, तुरंत प्रतिक्रिया, और रणनीतिक ड्रोन उपयोग जैसी योजनाएं तैयार करने को कहा गया है।
लोन-लेथल वेपन की गिनती और इस्तेमाल की रणनीति
बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि दिल्ली पुलिस के पास मौजूद Low Lethal Weapons (कम घातक हथियार) की इंस्पेक्शन की जाए
ताकि भविष्य में “Non-lethal crowd control” आसानी से हो सके।
इसके लिए दो स्पेशल कमिश्नर्स को एक कमेटी बनाने को कहा गया है, जो यह जांच करेगी कि पुलिस बल के पास इस प्रकार के हथियार कितनी संख्या में मौजूद हैं।
पुलिस, साइबर सेल और आर्म्ड फोर्स के बीच बेहतर तालमेल की तैयारी
दिल्ली पुलिस की रणनीति केवल ज़मीनी स्तर तक सीमित नहीं है। अब जिला पुलिस, साइबर सेल, और सेंट्रल आर्म्ड फोर्सेज के बीच बेहतर कोऑर्डिनेशन पर ज़ोर दिया जा रहा है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, राजधानी की सीमाओं पर निगरानी बढ़ाने, और संभावित भीड़ वाले क्षेत्रों में ड्रोन सर्विलांस की योजना बनाई जा रही है।
सोशल मीडिया: विरोध का नया मैदान
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया:
“नेपाल में प्रदर्शनकारियों को संगठित करने में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने बड़ी भूमिका निभाई। इसलिए हम सोशल मीडिया पर विशेष ध्यान दे रहे हैं।”
अब विचार चल रहा है कि दिल्ली पुलिस एक डेडिकेटेड सोशल मीडिया यूनिट बनाए, जो फेक नरेटिव्स को काउंटर कर सके। डिजिटल इंटेलिजेंस जुटा सके। ऑनलाइन ट्रेंड्स मॉनिटर कर सके।
राजधानी तैयार हो रही है अगली चुनौती के लिए
नेपाल की घटनाओं से सबक लेते हुए दिल्ली पुलिस किसी भी बड़े विरोध प्रदर्शन को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।
यह स्पष्ट है कि अब सुरक्षा एजेंसियों की नजर केवल मैदान पर नहीं, बल्कि डिजिटल स्पेस पर भी है।