
दिल्ली में हुई कार ब्लास्ट की जांच अब तेज़ मोड़ ले चुकी है। NIA और दिल्ली पुलिस की संयुक्त जांच में यह बड़ा खुलासा हुआ है कि मुख्य आरोपी डॉक्टर शाहीन धमाके के बाद दुबई भागने की तैयारी में थी। जांच एजेंसियों को उसके पास से एक फोटो मिली है, जो वीजा वेरिफिकेशन के लिए ली गई थी।
वीजा के बहाने फरार होने की तैयारी—कमरा नंबर 29 से ली गई थी फोटो
जांच में पाया गया कि शाहीन वीजा बनवाने की प्रक्रिया में थी। पुलिस ने कुछ समय पहले कमरा नंबर 29 में उसकी फोटो वेरिफिकेशन के लिए ली थी। धमाके के बाद वह गिरफ्तारी से बचने के लिए देश छोड़ने की प्लानिंग में थी। लेकिन इसी बीच जम्मू-कश्मीर में चल रहे टेरर मॉड्यूल का पर्दाफाश हो गया, जिससे उसका पूरा प्लान फेल हो गया।
जम्मू-कश्मीर का एक और डॉक्टर गिरफ्तार—NIA की बड़ी कार्रवाई
NIA ने इस केस में एक और नाम जोड़ दिया है— डॉ. रईस अहमद भट, जो सर्जरी के प्रोफेसर हैं और MBBS-MS-FMG क्वालिफाइड हैं।
45 वर्षीय रईस पठानकोट के व्हाइट मेडिकल कॉलेज PS मामून कैंट में तैनात थे और मूल रूप से अनंतनाग (जम्मू-कश्मीर) के दैलगाम गांव के निवासी हैं।
उनकी गिरफ्तारी इसलिए की गई क्योंकि वे मुख्य आरोपी डॉ. उमर के संपर्क में होने के संदेह में थे। जांच में यह भी सामने आया कि डॉ. रईस ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद से 2020–2021 में इंटर्नशिप की थी।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी के दफ्तर पर पुलिस की दबिश
दिल्ली पुलिस की क्राइम टीम आज ओखला स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के दफ्तर पहुंची। टीम ने यहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड खंगाले। जांच का फोकस क्या धमाके से कोई लिंक जुड़ता है? क्या मीटिंग, ट्रांजैक्शन या कोई इंटरनल हेल्प मिली थी? CCTV फुटेज में कुछ संदिग्ध दिखाई देता है या नहीं?

कर्मचारियों से पूछताछ भी की गई और सिस्टम से कई डेटा फाइलें कब्जे में ली गईं।
सब एंगल्स पर छापेमारी—जांच एजेंसियों का फुल स्कैन मोड
NIA और दिल्ली पुलिस दोनों ही इस मामले को बेहद गंभीरता से देख रहे हैं। एजेंसियों के मुताबिक “हर संभावित एंगल की बारीकी से जांच की जा रही है। आने वाले दिनों में और भी लोकेशंस पर रेड हो सकती हैं।”
यह साफ है कि दिल्ली कार ब्लास्ट सिर्फ एक isolated incident नहीं, बल्कि एक बड़े नेटवर्क से जुड़ा हुआ केस हो सकता है।
