
देश एक बार फिर कोरोना की चपेट में आता दिख रहा है। अब तक जिस वायरस को बीते दिनों की बात मान लिया गया था, वो फिर से सक्रिय होता नजर आ रहा है। देश में कोरोना के सक्रिय केसों की संख्या 6000 के पार पहुँच गई है। यानी अब यह कोई हल्की-फुल्की सर्दी-जुकाम नहीं, बल्कि दोबारा ध्यान देने वाला खतरा बन चुका है।
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केरल फिर टॉप पर, सबसे ज्यादा मामले यहीं से
देश में सबसे ज्यादा कोरोना केस फिलहाल केरल में हैं। 1950 एक्टिव केस और बीते 24 घंटे में 144 नए मरीज, ये आंकड़े यह दिखाते हैं कि केरल कोरोना के हॉटस्पॉट में तब्दील हो चुका है। लगता है केरल के लिए ‘बैकवाटर’ अब सिर्फ नदियों तक सीमित नहीं रहा, कोरोना की वापसी ने राज्य को फिर से हिला दिया है।
दूसरे राज्यों की हालत: दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र भी पीछे नहीं
केरल के बाद कोरोना के आंकड़े दूसरे राज्यों में भी तेजी से बढ़ रहे हैं।
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गुजरात: 822 केस
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दिल्ली: 686
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महाराष्ट्र: 595
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कर्नाटक: 366
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उत्तर प्रदेश: 219
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तमिलनाडु: 194
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राजस्थान: 132
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हरियाणा: 102
जाहिर है, कोरोना सिर्फ एक राज्य की कहानी नहीं, बल्कि पूरे देश का नया (या पुराना) सिरदर्द बन गया है।
24 घंटे में 6 मौतें – फिर से वही डरावने आंकड़े
कोरोना सिर्फ संख्याओं का खेल नहीं, इससे ज़िंदगियाँ भी जा रही हैं। बीते 24 घंटे में 6 मौतें दर्ज की गई हैं।
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केरल में 3 मौतें: उम्र 51, 64 और 92 साल – तीनों पुरुष, और सभी को पहले से गंभीर बीमारियाँ थीं।
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कर्नाटक में 2 मौतें: उम्र 51 और 78 साल – दोनों पुरुष और पहले से अस्वस्थ।
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तमिलनाडु में 1 मौत: एक 42 वर्षीय पुरुष की जान गई।
इन मामलों से साफ है कि कोरोना बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों के लिए अभी भी गंभीर खतरा बना हुआ है।
क्या फिर लौटेगा मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का जमाना?
अब सवाल यह उठता है कि क्या फिर से हमें वही पुराना जीवनशैली अपनानी पड़ेगी? मास्क पहनना, हाथ धोना, सोशल डिस्टेंसिंग – क्या ये फिर से हमारी दिनचर्या बनेंगे?
खैर, जितनी तेजी से मामले बढ़ रहे हैं, उतनी ही तेजी से सावधानी बरतना भी जरूरी है। कहते हैं – “संभलना इलाज से बेहतर है।” और इस मामले में ये कहावत एकदम फिट बैठती है।
स्वास्थ्य सलाह: हल्के में न लें, सतर्क रहें
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किसी भी तरह के लक्षण (सर्दी, खांसी, बुखार) को नजरअंदाज न करें।
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डॉक्टर की सलाह लें और टेस्ट करवाएं।
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बुजुर्गों और बीमार लोगों का विशेष ध्यान रखें।
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ऑफिस में बीमार महसूस हो, तो ‘वर्क फ्रॉम होम’ का बहाना नहीं, हक बनता है।
कोरोना फिर दरवाज़े पर है – इस बार दस्तक नहीं, सीटी बजा कर आया है।
तो लापरवाही छोड़िए, और अपने साथ-साथ दूसरों की भी सुरक्षा कीजिए। कोरोना अब भी खतरनाक है – और मज़ाक में लिया गया वायरस, सीरियस रिजल्ट्स देता है।
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