
भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापारिक रिश्तों में एक नया मोड़ आया है। भारत ने शनिवार को बांग्लादेश से रेडीमेड कपड़े और कुछ फूड आइटम्स के आयात पर कुछ बंदरगाहों के जरिए प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।
इस संबंध में वाणिज्य मंत्रालय के अधीन डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने एक आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें इन प्रतिबंधों को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
ई तs पूरा चौचक बा भाई! जान लs ‘चौचक’ शब्द के असली मतलब
अब किन बंदरगाहों से होगा आयात?
नोटिफिकेशन के अनुसार:
-
अब बांग्लादेश से रेडीमेड गारमेंट्स और प्रोसेस्ड फूड आइटम का आयात सिर्फ दो बंदरगाहों से ही किया जा सकेगा:
-
न्हावा शेवा पोर्ट (मुंबई)
-
कोलकाता पोर्ट
-
-
अन्य सभी भूमि बंदरगाहों से इन उत्पादों का आयात वर्जित होगा।
क्या-क्या छूट में हैं?
डीजीएफटी ने साफ किया है कि ये प्रतिबंध सभी सामानों पर नहीं हैं। नीचे दिए गए आइटम्स प्रतिबंध से मुक्त हैं:
-
मछली
-
एलपीजी (LPG)
-
क्रश्ड स्टोन
-
खाद्य तेल
इसके अलावा, यह प्रतिबंध नेपाल और भूटान की ओर जा रहे ट्रांजिट सामानों पर लागू नहीं होगा।
क्यों लगाए गए ये प्रतिबंध?
हालांकि नोटिफिकेशन में प्रतिबंध का कारण स्पष्ट नहीं बताया गया है, विशेषज्ञ मानते हैं कि इसके पीछे कई संभावित वजहें हो सकती हैं:
-
भारतीय पोर्ट पर दबाव कम करना
-
स्टैंडर्डाइज्ड चेकिंग और क्वालिटी कंट्रोल सुनिश्चित करना
-
अवैध व्यापार और टैक्स चोरी को रोकना
-
भारत की घरेलू टेक्सटाइल इंडस्ट्री की सुरक्षा
इसका क्या असर होगा?
पक्ष | असर |
---|---|
बांग्लादेश के निर्यातकों पर | लॉजिस्टिक्स लागत बढ़ेगी, सीमित विकल्प |
भारत के व्यापारी/इंपोर्टर पर | कुछ माल में देरी या महंगाई संभव |
भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री पर | थोड़ी राहत, कम प्रतिस्पर्धा |
राजनीतिक संबंधों पर | अगर बांग्लादेश को ठेस पहुंची, तो रिश्तों में हल्की तल्खी संभव |
भारत का यह कदम रणनीतिक भी है और व्यापारिक भी। जहां एक तरफ इससे कुछ प्रोडक्ट्स की क्वालिटी मॉनिटरिंग आसान होगी, वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेश के लिए यह एक झटका हो सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस फैसले का असर भारत-बांग्लादेश के व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों पर कैसा पड़ता है।
राबड़ी के बाद के रानी के खोज में बिहार: अबकी बार का नेतृत्त्व महिला के हाथ?