चिराग बोले– पार्टी जो कहेगी, वो करेंगे! मतलब टिकट फाइनल …..?

आलोक सिंह
आलोक सिंह

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए माहौल बन रहा है, बयानबाज़ी गरम है और अटकलों की चाय उबल रही है। इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और हाजीपुर से सांसद चिराग पासवान ने कुछ ऐसा कहा जो सुनने में सिंपल लगता है, लेकिन राजनीति में ऐसा कुछ भी सिंपल नहीं होता।

असम में ‘जल ही जीवन है’ अब ‘जल ही जीवन-भर की मुसीबत’

“पार्टी जो भी तय करेगी, मैं उसका पालन करूंगा। अभी इस पर चर्चा बाकी है।”

यानि फिलहाल इन्होंने ‘हां’ भी नहीं कहा और ‘ना’ भी नहीं – ये वही लेवल की बात है जैसे “देखते हैं…” कहकर दोस्त की शादी अटेंड करने से बचते हैं।

चिराग पासवान की वर्तमान पोजिशन – सांसद की कुर्सी और विधायकी की संभावना

चिराग फिलहाल हाजीपुर से सांसद हैं, यानि लोकसभा के VIP कैटेगरी वाले नेता। अब सवाल उठ रहा है कि क्या वो इस बार विधान सभा की गली में उतरेंगे?

बिलकुल वैसे ही जैसे कोई मॉल का शॉपिंग सेंटर छोड़कर लोकल मंडी में खुद सब्ज़ी बेचने का शौक दिखा दे।

हालांकि राजनीति में कभी-कभी यह “जमीनी कनेक्ट” कहलाता है और कभी-कभी “लोकसभा की फाइलें स्लो लग रही थीं, चलो विधानसभा में नया कंटेंट बनाते हैं!”

बिहार चुनाव 2025: एलजेपी की भूमिका – एकला चलो या डबल सीट बुक?

एलजेपी (रामविलास) इस बार बिहार में किसके साथ जाएगी?

  • NDA के साथ?

  • अकेले?

  • या फिर वही पुरानी रणनीति: “सबको कंफ्यूज़ रखो, आख़िरी हफ्ते में तय करो”?

चिराग के लिए विधानसभा चुनाव लड़ना पार्टी के भीतर और बाहर, दोनों ही मोर्चों पर Symbolic Masterstroke हो सकता है — अगर वो जीतें। और अगर नहीं… तो अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस में वो भी कहेंगे:

“हमने जनादेश का सम्मान किया है, जनता मालिक है।”

बयान में राजनीति का गणित – “अभी तय नहीं है” मतलब?

राजनीतिक अनुवाद में इस वाक्य का मतलब होता है:

  • सीट पक्की नहीं है

  • सहयोगियों से डीलिंग चल रही है

  • और कैमरे के सामने जो बोला जाए, वही “नरम-गरम” पॉलिटिक्स कहलाती है।

राजनीति में “देखेंगे” कहना असल में “डीलिंग ऑन” का कोड वर्ड होता है।

चिराग पासवान बिहार की राजनीति के चमकते चेहरे हैं – कभी बिहारी पब्लिक के बॉलीवुड हीरो, तो कभी राजनीति के साइलेंट DJ

अब देखना ये है कि 2025 में वो सिर्फ लोकसभा की VIP गाड़ी में बैठकर चलते रहेंगे, या फिर विधानसभा की धूल भरी सड़कों पर वोटर से पूछेंगे –
“क्या हमारा Performance ठीक था?”

जो भी हो, बयान में ‘संभावना’ है, और संभावना में बिहार की सियासत की सबसे पसंदीदा चीज़ – Suspense!

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