चिराग पासवान का ‘बिहार फर्स्ट’ ड्रामा: 2025 चुनाव से 2030 की छलांग!

आलोक सिंह
आलोक सिंह

चिराग पासवान जैसे ही बोले, “मेरा राज्य मुझे बुला रहा है”, बिहार की राजनीति में मानो कर्फ्यू लग गया। नेताओं की धड़कनें बढ़ गईं, और जनता ने समझा — शायद इस बार चिराग सच में कोई बड़ा धमाका करेंगे। पर अगले ही पल चिराग ने जोड़ा, “मैं अभी टाइमिंग देख रहा हूं।” यानि बिहार WhatsApp कॉल कर रहा है, और चिराग ‘Busy on another call’ में हैं। एक तरफ JDU को डर है कि 2020 वाली बत्ती फिर न गुल हो जाए, वहीं BJP सोच रही है कि कहीं ये कॉल ‘Missed Call Campaign’ न बन जाए!

Patanjali या ‘Propaganda-anjali’? ‘शरबत जिहाद’ बयान से हाईकोर्ट नाराज़, देश हैरान

 महिला + युवा = वोटिंग मशीन में Error 404

जब सब पार्टियां जातियों की केमिस्ट्री बिठा रही हैं, चिराग पासवान नए “MY” फॉर्मूले के साथ आ गए — महिला और युवा। कहने को तो ये प्रगतिशील पॉलिटिक्स है, लेकिन पुराने नेता चाय की दुकान पर बोले, “बेटा, ये Bihar है… यहां जाति के बिना वोटर ID एक्टिव नहीं होता।” लेकिन चिराग की बातों में जो Confidence है, वो Google के Algorithm जैसा है — हर साल बदलता है, पर भरोसे से चलता है। अब देखना है कि महिला-युवा का ये फार्मूला वोट देगा या गणित का सवाल बन जाएगा।

सीट नहीं, इज़्ज़त चाहिए

चिराग की पार्टी ने 40 सीटों की मांग रखी, वो भी गणित समझाकर — जैसे मैथ्स का टॉपर NDA में दाखिला मांग रहा हो। बोले: “हमने 5 सीटें जीतीं, तो हर लोकसभा सीट के बदले हमें 8 विधानसभा सीटें चाहिए!” बीजेपी-जेडीयू ने आँख घुमाकर देखा, फिर कहा, “भाई, ये alliance है या LIC policy?” NDA को डर है कि कहीं चिराग का गणित पूरे गठबंधन को ना ‘डिटेन’ कर दे। और चिराग बोले जा रहे हैं — “इज़्ज़त चाहिए जनाब, वरना अगली बार क्लाइमेक्स मैं ही लिखूंगा!”

चिराग के शोले में नीतीश का वोट बैंक भस्म

2020 में चिराग ने JDU को ऐसा झटका दिया कि नीतीश कुमार का वोट बैंक ICU में पहुंच गया। 135 सीटों पर लड़कर सिर्फ एक सीट जीती, पर जेडीयू की सीटें 71 से गिरकर 43 हो गईं। चिराग ने चुनाव नहीं लड़ा, मगर स्क्रीनप्ले ऐसा लिखा कि सबको लगा विलेन भी वही थे, और डायरेक्टर भी। बीजेपी तब भी साइलेंट मोड में थी, और अब भी Vibrate पर चल रही है। सबको डर है कि 2025 में फिर से चिराग कहीं सस्पेंस ना खोल दें।

1 लाख के पार सोना बोला-अब मैं इकोनॉमी नहीं इमोशन हूं! महंगा हो गया हूं भाई!

अभिनेता मुख्यमंत्री नहीं बन सकता

डिप्टी CM विजय सिन्हा ने जब कहा कि “कोई अभिनेता मुख्यमंत्री नहीं बन सकता”, तो सियासी गलियारों में सीटियां बज गईं। सबको पता है कि ये डायलॉग चिराग को ही target कर रहा है — क्योंकि चिराग ने राजनीति में आने से पहले बॉलीवुड की हल्की-फुल्की बारिश देखी थी। चिराग खामोश हैं, शायद अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘राजनीति पार्ट 2’ का ऐलान करने की सोच रहे हों। पर बीजेपी वाले सोच रहे हैं — “कहीं अगला रियलिटी शो ‘बिहार का अगला CM’ ना बन जाए!”

बिहार फर्स्ट’ नारा, या ‘सीट फर्स्ट’ सिग्नल?

चिराग का नारा — “बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट” सुनकर NDA के बाकी साथी सोचे कि कहीं इसका मतलब “सीट फर्स्ट, गठबंधन बाद में” तो नहीं है? JDU और BJP के रणनीतिकारों ने तुरंत calculator निकाले, alliance treaty पढ़ी, और मीटिंग कॉल कर दी — जैसे किसी Ex ने अचानक ‘Hi’ बोल दिया हो। सबके दिमाग में अब एक ही सवाल घूम रहा — चिराग alliance में हैं या audition में?

2025 में ट्रेलर, 2030 में फुल पिक्चर

LJP (RV) के नेता खुद मान रहे हैं कि 2025 में चिराग शायद चुनाव ना लड़ें, लेकिन उनकी नजरें 2030 पर हैं। मतलब अभी महज़ ट्रेलर दिखा रहे हैं, पर रोलरकोस्टर असली तब आएगा जब OTT नहीं, वोटिंग मशीन पर चढ़ाई होगी। चिराग के लिए 2025 सिर्फ negotiation table है, असली सिनेमाघर तो 2030 में खुलेगा। तब शायद वो ‘डायरेक्टर, हीरो और प्रोड्यूसर’ — तीनों खुद ही होंगे।

गाड़ी स्टार्ट है – बस म्यूज़िक अभी चल रहा है!

राजनीति में कब कौन Turn मार जाए, कोई नहीं जानता। चिराग पासवान ने बिहार को ‘कॉल’ किया है, पर खुद Bluetooth पर हैं। NDA को डर है कि चिराग कहीं अचानक accelerator दबा न दें। और विपक्ष सोच रहा है — “अगर चिराग निकल गए, तो हमारा ट्रैक्टर वहीं खड़ा रह जाएगा!”

Related posts

Leave a Comment