
चीन के गुआंगडोंग प्रांत में इस वक्त एक नई हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात बन गए हैं। जुलाई 2025 से अब तक चिकनगुनिया के 7000 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। सबसे ज्यादा असर फ़ोशान शहर में देखा गया है, जहां अस्पतालों में कोविड-19 जैसी सख्ती फिर से लागू कर दी गई है।
फ़ोशान में कोविड स्टाइल क्वारंटीन: एक हफ्ते अस्पताल में रहो या टेस्ट नेगेटिव लाओ!
स्वास्थ्य अधिकारियों ने संक्रमितों को अस्पताल में ही रखने के निर्देश दिए हैं। मरीजों को तब तक छुट्टी नहीं दी जा रही, जब तक उनका चिकनगुनिया टेस्ट नेगेटिव नहीं आता या वे कम से कम 7 दिन अस्पताल में नहीं बिता लेते।
सवाल उठता है — क्या ये महामारी की आहट है, या सतर्कता का संकेत?
क्या है चिकनगुनिया?
चिकनगुनिया एक मच्छरजनित वायरल रोग है जो तेज बुखार और गंभीर जोड़ों के दर्द का कारण बनता है। यह दर्द कई बार महीनों या वर्षों तक बना रह सकता है।
इसकी पहचान है:
तेज बुखार
हाथ-पैर के जोड़ों में सूजन
थकान, चकत्ते और सिरदर्द
इस बीमारी का कोई निश्चित इलाज नहीं है — लक्षणों के अनुसार ही उपचार होता है।
चीन में क्यों खास है ये प्रकोप?
चीन में चिकनगुनिया अब तक दुर्लभ बीमारी मानी जाती थी, लेकिन दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया, और अफ्रीका में इसका प्रकोप आम है। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और वैश्विक यात्रा इसके फैलाव का कारण बन सकते हैं।
सरकार के कदम: डर है, लेकिन तैयारी भी है
चीन की सरकार इसे हल्के में नहीं ले रही। प्रभावित क्षेत्रों में:
मच्छरों की आबादी नियंत्रण के लिए फॉगिंग
यात्रा प्रतिबंध
सार्वजनिक स्वास्थ्य टीमों की तैनाती
स्कूलों और ऑफिस में हेल्थ स्कैनिंग
कोविड के बाद अब चिकनगुनिया — सावधानी ही सुरक्षा है
कोविड-19 के झटके से उबर रहा दुनिया का सबसे बड़ा देश अब फिर एक वायरस से जूझ रहा है। हालांकि ये कोरोना जितना जानलेवा नहीं, लेकिन तेजी से फैलने और लंबे समय तक असर छोड़ने वाला जरूर है।
मच्छरों से बचाव करें
बाहर जाते वक्त पूरी बाजू के कपड़े पहनें
साफ-सफाई बनाए रखें
बुखार या दर्द होने पर डॉक्टर से संपर्क करें
उम्मीद है चीन इस प्रकोप को जल्द नियंत्रित करेगा, और बाकी देशों के लिए भी ये एक चेतावनी है — “वायरस कोई भी हो, लापरवाही नहीं चलेगी!”