बुद्ध पूर्णिमा 2025: शांति, करुणा और आत्मज्ञान का पर्व

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

बुद्ध पूर्णिमा यह वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि को पड़ती है और भगवान गौतम बुद्ध की जन्म, ज्ञान प्राप्ति (बोधि), और महापरिनिर्वाण तीनों घटनाओं से जुड़ी हुई है।

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बुद्ध पूर्णिमा का महत्व:

बुद्ध पूर्णिमा केवल एक धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह मानवता, शांति, अहिंसा और करुणा का उत्सव है।
भगवान बुद्ध, जिन्होंने सांसारिक जीवन छोड़कर आत्मज्ञान प्राप्त किया, उनका संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है — “अप्प दीपो भव” (स्वयं दीप बनो)।

भगवान बुद्ध का जीवन संक्षेप में:

आयु घटना
0 वर्ष जन्म – लुम्बिनी (नेपाल) में शाक्य कुल में
29 वर्ष राजमहल त्याग – सत्य की खोज में
35 वर्ष बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे आत्मज्ञान
80 वर्ष कुशीनगर में महापरिनिर्वाण

कैसे मनाई जाती है बुद्ध पूर्णिमा?

  • बौद्ध विहारों में पूजा और प्रवचन

  • बोधगया, सारनाथ, कुशीनगर जैसे तीर्थस्थलों पर विशेष आयोजन

  • ध्यान, उपवास और भिक्षा का आयोजन

  • भगवान बुद्ध की मूर्तियों को स्नान कराकर पुष्प अर्पण

  • बौद्ध ग्रंथों का पाठ और शांति यज्ञ

बुद्ध का संदेश — आज के युग के लिए प्रासंगिक क्यों है?

सिद्धांत आज के जीवन में उपयोग
अहिंसा हर प्रकार की हिंसा से दूरी और सहअस्तित्व की भावना
मध्य मार्ग (Middle Path) न अति भोग, न अति तपस्या — संतुलित जीवनशैली
सम्यक दृष्टि और विचार सोच में स्पष्टता, नकारात्मकता से दूरी
करुणा और मैत्री पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों में सुधार
विपश्यना ध्यान मानसिक शांति और तनावमुक्त जीवन

घर पर कैसे मनाएं बुद्ध पूर्णिमा?

  1.  सुबह स्नान कर साफ वस्त्र पहनें

  2.  बुद्ध की प्रतिमा या तस्वीर के समक्ष दीप जलाएं

  3.  “बुद्धं शरणं गच्छामि” का जाप करें

  4.  धम्मपद जैसे ग्रंथ पढ़ें या बच्चों को सुनाएं

  5.  सात्विक भोजन करें, मांस-मदिरा से परहेज़ रखें

  6.  किसी जरूरतमंद को भोजन या वस्त्र दान करें

बुद्ध पूर्णिमा से जुड़े महत्वपूर्ण स्थल:

स्थान महत्व
लुम्बिनी (नेपाल) जन्म स्थल
बोधगया (बिहार) ज्ञान प्राप्ति का स्थल
सारनाथ (उत्तर प्रदेश) प्रथम उपदेश (धर्म चक्र प्रवर्तन)
कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) महापरिनिर्वाण स्थल

बुद्ध के 5 अमूल्य उपदेश:

  1. “क्रोध को प्रेम से जीतो।”

  2. “स्वयं पर विजय सबसे बड़ी विजय है।”

  3. “जैसे दीपक अंधकार मिटाता है, वैसे ही ज्ञान अज्ञान को नष्ट करता है।”

  4. “जो स्वयं को जीत लेता है, वही सच्चा विजेता है।”

  5. “हर दिन एक नया आरंभ है।”

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