
पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ज़रदारी के हालिया बयान ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को हवा दे दी है। सुक्खर, सिंध में आयोजित एक रैली के दौरान उन्होंने भारत पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि, “या तो सिंधु नदी से हमारा पानी बहेगा या उनका खून बहेगा।” उनके इस बयान पर भारत में तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। केंद्रीय मंत्रियों से लेकर मुख्यमंत्री तक, सभी ने इस बयान की कड़ी निंदा की है।
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क्या कहा बिलावल भुट्टो ने?
बिलावल भुट्टो ने कहा कि भारत लगातार सिंधु जल संधि का उल्लंघन कर रहा है और पाकिस्तान के हिस्से का पानी रोकने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा, “भारतीय प्रधानमंत्री अपनी कमजोरियों को छिपाने के लिए पाकिस्तान पर झूठे आरोप लगा रहे हैं। सिंधु नदी हमारी है और हमारी ही रहेगी।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने सरकार को नई नहरें न बनाने के लिए मना लिया है और इस मुद्दे पर वे संघर्ष जारी रखेंगे।
भारत की तीखी प्रतिक्रिया
बिलावल के इस बयान पर भारत सरकार ने सख्त लहजे में जवाब दिया है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “यह बयान बेवकूफी भरा है। ऐसे बयानों को सम्मान नहीं देना चाहिए।”
जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा, “हम ऐसी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं।”
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “भारत आतंकवाद को जड़ से खत्म करेगा, चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में हो। सिंधु का पानी हमारा है और रहेगा।”
सिंधु जल संधि पर उठे सवाल
साल 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच बनी सिंधु जल संधि लंबे समय से विवाद का कारण रही है। हालिया आतंकी हमलों के बाद भारत में इस संधि की समीक्षा की मांग फिर उठी है। बिलावल भुट्टो के बयान ने इस विवाद को और गहरा कर दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव और बढ़ सकता है।
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बिलावल भुट्टो ज़रदारी के इस बयान को भारत ने उकसावे की कार्रवाई माना है और स्पष्ट किया है कि भारत अपनी सुरक्षा और जल अधिकारों से कोई समझौता नहीं करेगा। आने वाले दिनों में इस बयान का असर भारत-पाक रिश्तों पर साफ़ देखा जा सकता है।