
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सियासी हवा अब वादों की बारिश में बदल गई है! एक तरफ तेजस्वी यादव अपने ‘तेजस्वी प्रण’ के ज़रिए युवाओं और महिलाओं को रोजगार, पेंशन और फ्री बिजली का लालच दे रहे हैं, तो दूसरी तरफ NDA गठबंधन अपने ‘संकल्प पत्र’ में नौकरियों, फैक्ट्रियों और एक्सप्रेसवे का सुनहरा सपना दिखा रहा है।
दोनों घोषणापत्रों में वादे ऐसे हैं कि अगर सब पूरे हो जाएं, तो बिहार “नई दिल्ली 2.0” बन जाए!
अब असली सवाल यह है — जनता किस वादे पर भरोसा करे, और किसे कहे ‘बस प्रण ही रह गया’?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मैदान अब पूरा सज चुका है। एक तरफ तेजस्वी यादव का ‘तेजस्वी प्रण’ है, जो युवाओं और महिलाओं को लुभाने में लगा है, वहीं दूसरी तरफ NDA गठबंधन का ‘संकल्प पत्र’ है, जिसमें फैक्ट्री, नौकरी और एयरपोर्ट का फुल पैकेज है। 28 अक्टूबर को तेजस्वी ने किया ‘प्रण’, और 31 अक्टूबर को NDA ने लिया ‘संकल्प’।
कुल मिलाकर दोनों ने जनता को इतनी सुविधाएँ वादा कर दी हैं कि अगर सब पूरा हो जाए तो बिहार “सिंगापुर + स्विट्ज़रलैंड” बन जाए!
युवाओं पर डबल फोकस: दोनों कह रहे हैं “नौकरी देंगे”, बस तरीका अलग है
दोनों घोषणापत्रों में रोजगार और युवाओं पर खास ज़ोर दिया गया है।
तेजस्वी यादव: सरकारी नौकरी के साथ फॉर्म-फीस फ्री, लोकल पोस्टिंग का वादा।
NDA: एक करोड़ नौकरियां और हर जिले में फैक्ट्री — सुनने में “Make in Bihar” जैसा नारा लगता है।
मतलब दोनों ही कह रहे हैं — “Vote दो, Job लो।”
तेजस्वी के 20 ‘प्रण’: भावनाओं, महिलाओं और रोजगार का कॉम्बो पैक
तेजस्वी यादव ने जो 20 वादे किए हैं, उनमें कुछ सीधे दिल को छूते हैं — जैसे हर परिवार को 200 यूनिट फ्री बिजली, महिलाओं को ₹2500/माह, हर शहर में महिला कॉलेज, बुजुर्गों को पेंशन, और किसानों को MSP की गारंटी।
उनका घोषणापत्र युवाओं और गरीब तबके के लिए एक “भावनात्मक चार्जर” है। सबसे चर्चित स्कीम — “माई-बहन मान योजना”, जो अब सोशल मीडिया मीम का भी फेवरेट बन गया है
NDA का ‘संकल्प पत्र’: इन्फ्रास्ट्रक्चर + इंडस्ट्री का मेगा शो
वहीं NDA गठबंधन का घोषणापत्र एकदम कॉर्पोरेट प्रेजेंटेशन टाइप है — चार्ट, डाटा, और हर वादे में करोड़ों-लाखों का टच।
मुख्य वादे:
- एक करोड़ सरकारी नौकरियाँ
- हर जिले में फैक्ट्री और स्किल सेंटर
- 10 इंडस्ट्रियल पार्क और 50000 MSME यूनिट्स
- डिफेंस कॉरिडोर, 7 एक्सप्रेसवे, और इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स
“बिहार से सिलिकॉन वैली की खुशबू आने लगी है!”

महिला वोट बैंक की सुपर लड़ाई
यह चुनाव महिलाओं के नाम भी लिखा जा सकता है।
तेजस्वी बोले: “2500 रुपये हर महीने और 2 लाख तक की मदद।”
NDA बोला: “मिशन लखपति दीदी, हर महिला बनेगी करोड़पति।”
“कौन ज्यादा देगा, प्रण या संकल्प?”
किसान और गरीब भी दोनों घोषणापत्रों में VIP
दोनों ही गठबंधनों ने किसानों और गरीबों को भी अपने मेनिफेस्टो में VIP ट्रीटमेंट दिया है। जहाँ तेजस्वी MSP की गारंटी और मजदूरी बढ़ाने की बात करते हैं, वहीं NDA ने PM किसान सम्मान निधि ₹9000 तक बढ़ाने और मुफ्त राशन देने का ऐलान किया है।
“वादों की बाढ़ में बिहार डूबा नहीं, बहक गया!”
बिहार की गलियों में लोग कह रहे हैं — “अगर दोनों घोषणापत्र सच हो जाएं, तो हम दुबई वालों को नौकरी देने लगेंगे!”
एक तरफ तेजस्वी का इमोशनल बॉलिंग अटैक, तो दूसरी तरफ मोदी-नीतीश का डेवलपमेंट बाउंसर!
जनता सोच रही है — “प्रण में भावना है, संकल्प में योजना है… पर अमल कौन करेगा?”
बिहार चुनाव 2025 में घोषणापत्र नहीं, ड्रीम प्रोजेक्ट्स की होड़ है। जनता के सामने अब सवाल बस इतना है — “वोट उस वादे को दें, जो पूरा होगा या उसको, जो सुनने में अच्छा लगे?”
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