
बिहार की राजनीति एक बार फिर उफान पर है, और इसकी वजह है 2025 के विधानसभा चुनाव, जिसमें प्रदेश की 243 सीटों पर मुकाबला होना है। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है, इसलिए चुनाव आयोग कभी भी शेड्यूल की घोषणा कर सकता है। इसी बीच NDA और INDIA गठबंधन में seat sharing formula को लेकर मंथन अपने अंतिम दौर में है।
NDA Vs INDIA: गठबंधनों की चालें और समीकरण
NDA गठबंधन में BJP, JDU, LJP (रामविलास), HAM (सेक्युलर) और RLM जैसे दल शामिल हैं, वहीं INDIA ब्लॉक में RJD, कांग्रेस और वामपंथी दल साथ हैं। सूत्रों की मानें तो NDA में इस बार BJP और JDU के बीच सीटों का लगभग बराबर बंटवारा हो सकता है, जबकि छोटे दलों को उनकी ताकत के हिसाब से सीमित सीटें मिलेंगी। INDIA ब्लॉक में भी सीट बंटवारे को लेकर बातचीत जारी है, लेकिन Tejashwi Yadav को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाए जाने की बात लगभग तय मानी जा रही है।
कौन होगा NDA का चेहरा? नीतीश या कोई नया नाम?
नीतीश कुमार को लेकर अभी भी तस्वीर साफ नहीं है, लेकिन BJP के अंदरूनी हलकों में उन्हें ही फिर से मुख्यमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट किए जाने की चर्चा है। हालांकि BJP प्रमुख जेपी नड्डा का हालिया पटना दौरा और नीतीश से मुलाकात न होना कई सवाल खड़े करता है। वहीं BJP की ओर से यह भी संदेश दिया जा रहा है कि चुनाव में “मोदी मैजिक” का भी इस्तेमाल ज़रूरी है, इसलिए चेहरा कम और काम ज्यादा दिखाया जाएगा।
सीट शेयरिंग: NDA में पेंच, INDIA में फॉर्मूला?
2020 के चुनाव में JDU ने 122 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि BJP ने 121 सीटें ली थीं। इस बार LJP और HAM जैसे दल अपनी सीटों की संख्या बढ़वाना चाहते हैं। HAM प्रमुख जीतन राम मांझी ने स्पष्ट किया है कि “8 सीटों से कम कुछ मंजूर नहीं।” दूसरी ओर, INDIA गठबंधन में भी RJD और कांग्रेस के बीच कुछ सीटों को लेकर टकराव की खबरें सामने आ रही हैं।
प्रत्याशी चयन और चुनावी तैयारी
अभी तक किसी भी गठबंधन ने अपने उम्मीदवारों की आधिकारिक सूची जारी नहीं की है, लेकिन दोनों खेमों में प्रत्याशियों की स्क्रीनिंग शुरू हो चुकी है। BJP ने “मोदी मित्र डिजिटल योद्धा” नाम से एक नया अभियान शुरू किया है, जो ग्रामीण इलाकों में पार्टी का संदेश पहुंचाने में मदद करेगा। वहीं, RJD और कांग्रेस क्षेत्रीय यात्राओं और जनसभाओं के ज़रिए ground level पर माहौल बनाने में जुटी है।

तेज प्रताप और प्रशांत किशोर: संभावित Game Changers?
तेजस्वी यादव जहां INDIA गठबंधन के फ्रंटफुट पर हैं, वहीं तेज प्रताप यादव ने नया ‘समाजवादी मोर्चा’ बनाकर खुद को एक अलग धारा में दिखाया है। साथ ही प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी लगातार जनता के बीच घूमकर खुद को “तीसरे विकल्प” के रूप में पेश कर रही है। ये दोनों चेहरे चुनाव में vote splitter या game changer साबित हो सकते हैं, जिससे NDA और INDIA दोनों को नुकसान हो सकता है।
जनता का मूड और संभावित मुद्दे
बिहार की जनता के लिए रोजगार, शिक्षा, बिजली, सड़क और कानून व्यवस्था हमेशा से बड़े मुद्दे रहे हैं। इस बार जातीय जनगणना, EBC/OBC प्रतिनिधित्व और युवा रोजगार जैसे विषयों पर दोनों गठबंधन मुद्दों की राजनीति कर रहे हैं। हालांकि, जनता किसे अपना समर्थन देगी, यह बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि कौन अपनी बात ज़मीन तक पहुंचा पाता है और किसका नेतृत्व लोगों को भरोसेमंद लगता है।
सीट से ज्यादा साख की लड़ाई
Bihar Assembly Elections 2025 सिर्फ सीटों का चुनाव नहीं है, बल्कि यह गठबंधनों की साख और रणनीतिक पकड़ का टेस्ट भी है। NDA में सीट शेयरिंग और नेतृत्व को लेकर चल रही हलचल अगर जल्द खत्म नहीं होती, तो INDIA गठबंधन इसका फायदा उठा सकता है। दूसरी ओर, तेज प्रताप और प्रशांत किशोर जैसे चेहरे पूरी बाज़ी पलट भी सकते हैं। बहरहाल, बिहार में इस बार का चुनाव सिर्फ सत्ता नहीं, विकल्पों की नई कहानी भी लिखेगा।