फिर संकट में अंबानी जूनियर! ईडी का समन, अरबों की जमीन जब्त

सैफी हुसैन
सैफी हुसैन, ट्रेड एनालिस्ट

रिलायंस एडीएजी (ADAG) ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं! प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बार फिर उन्हें 14 नवंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है।
ईडी ने इस बार कोई कसर नहीं छोड़ी — ₹7,545 करोड़ रुपये से ज़्यादा की संपत्ति को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत अस्थायी रूप से जब्त कर लिया गया है।

धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी भी रडार पर

नवी मुंबई की चर्चित धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी (DAKC) की 132 एकड़ जमीन भी अब सरकार के कब्ज़े में है।
यानी “नॉलेज सिटी” अब “इन्वेस्टिगेशन सिटी” बन गई है! इससे पहले ईडी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस और रिलायंस होम फाइनेंस की संपत्तियाँ भी जब्त कर रखी हैं।

ईडी का बयान: “अब तक 7,545 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। एजेंसी अपराध की कमाई को असली दावेदारों तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

कैसे शुरू हुई यह पूरी जांच?

मामला शुरू हुआ था सीबीआई की एफआईआर से — जिसमें अनिल अंबानी, आरकॉम और अन्य कंपनियों पर आईपीसी की धारा 120-बी, 406, 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज हुआ था।
ईडी का दावा है कि 2010-2012 के बीच आरकॉम ने बैंकों से हजारों करोड़ का लोन लिया, लेकिन ₹40,000 करोड़ से अधिक का भुगतान बाकी रह गया। बाद में पाँच बैंकों ने इन खातों को फ्रॉड घोषित कर दिया।

लोन की हेराफेरी का पूरा खेल

ईडी की रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि लोन की रकम का इस्तेमाल बिल्कुल उल्टा हुआ —

  • एक कंपनी का लोन दूसरी कंपनी के कर्ज चुकाने में गया,
  • पैसा म्यूचुअल फंड और अन्य कंपनियों में ट्रांसफर हुआ,
  • और शर्तों का उल्लंघन करते हुए फंड को रिलायंस ग्रुप के भीतर ही घुमाया गया।

यानी सीधी बात — “बैंक ने लोन दिया बिजनेस के लिए, और ग्रुप ने कर लिया इंटरनल पासा फेंक।”

अब क्या होगा आगे?

14 नवंबर को अनिल अंबानी को ईडी के दफ्तर में पेश होना है। पूछताछ में उनसे लोन उपयोग, प्रॉपर्टी होल्डिंग्स और फंड ट्रांसफर चैनल्स पर सवाल किए जाएंगे। अगर जवाब संतोषजनक नहीं मिला तो आगे कानूनी कार्रवाई तेज हो सकती है।

“अंबानी भी कहे – अब तो ‘कम्युनिकेशन’ ही बंद हो गया!”

जहां बड़े बिजनेस हाउस आमतौर पर “नेटवर्क बढ़ाते हैं”, वहीं अनिल अंबानी के लिए अब “नेटवर्क डिस्कनेक्टेड” दिख रहा है —
फोन की जगह ईडी का कॉल, और मीटिंग की जगह इंटरोगेशन रूम!

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