
लोकसभा के मानसून सत्र में मंगलवार को जब गृहमंत्री अमित शाह खड़े हुए, तो उनके शब्दों में गूंज भी थी और घुड़क भी। उन्होंने कांग्रेस नेता और पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम के उस बयान पर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने पूछा था – “क्या सबूत है कि पहलगाम में हमला करने वाले आतंकी पाकिस्तान से आए?”
अमित शाह ने ताबड़तोड़ जवाब दिया – “हमारे पास सबूत हैं। सिर्फ हथियार नहीं, उनके बैग में पाकिस्तान में बनी चॉकलेट भी मिली है।” एक पल को तो लगा जैसे शाह पूछना चाह रहे हों – “कहीं आप इस चॉकलेट से ‘फॉरेन पॉलिसी’ चला रहे हैं क्या?”
चॉकलेट-डिप्लोमेसी और नकली सवाल
गृहमंत्री यहीं नहीं रुके। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा – “ये पूछना कि आतंकी पाकिस्तान से आए या नहीं, क्या पाकिस्तान को क्लीन चिट देने की कोशिश है? आखिर ये सवाल बार-बार क्यों?”
सीजफायर या सीधी बात?
शाह ने आगे बताया कि भारत के सर्जिकल एक्शन के बाद पाकिस्तान ने खुद ही झुककर 10 मई को युद्धविराम की गुहार की थी। “कहते हैं पाकिस्तान झुका तो युद्धविराम क्यों किया?” गृहमंत्री का तंज – “अरे भाई! युद्ध के कुछ परिणाम होते हैं, ये कोई मुहब्बत का इज़हार थोड़ी है।”
सवाल बड़ा है– “किसे बचा रहे हो?”
शाह का एक लाइन में सटीक वार – “ये सवाल पूछने वाले किसे बचाना चाह रहे हैं – आतंकियों को या पाकिस्तान को?”
इस पर विपक्ष ने वॉकआउट किया या वॉट्सऐप स्टेटस अपडेट किया, ये तो नहीं पता, लेकिन लोकसभा में तालियों की गूंज ज़रूर थी।
पी. चिदंबरम के सवाल ने आग लगाई, तो अमित शाह ने उसमें बारूद डालकर जवाब दे डाला। अब यह बहस सिर्फ सदन तक नहीं, सोशल मीडिया, डिबेट्स और डिनर टेबल तक पहुंच चुकी है। और हां, अगली बार आतंकियों के पास बर्गर या कोक मिला, तो कृपया पूछिएगा – फ्रेंचाइज़ी पाकिस्तान की थी या ब्रांच इंडिया में?